695 अपराधी कहीं बन ना जाएं माननीय

kabir Sharma
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बिहार चुनाव में 25 फीसदी अपराधी चुनाव मैदान में, अपराधी सभी दलों के बने है पहली पसंद, बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास व अपहरण जैसे मुकदमे

नई दिल्ली/पटना। बिहार चुनाव में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए अपराधियों को गले लगाने से गुरेज नहीं है। सभी दलों खासतौर से इंडिया और एनउीए गठबंधन ने बउ़ी संख्या में चुनाव में अपराधी उतारे हैं। 695 अपराधी तो ऐसे हैं जिन पर बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास व अपरण जैसे गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। जब ऐसे लोग चुनाव लड़ेगे तो जो भी और जिस भी दल की सरकार बनेगी उससे आम बिहारी क्या उम्मीद कर सकता है।

कोई दल दूध का धुला नहीं

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 2,616 प्रत्याशियों (243 सीटों के लिए) में से लगभग 2,600 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया। इसमें 695 प्रत्याशी (27%) के खिलाफ गंभीर अपराधिक धाराओं के मुकदमे दर्ज हैं। गंभीर मामले वे हैं जिनमें 5 साल या इससे अधिक की सजा का प्रावधान है, जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार, बलात्कार आदि।

यह आंकड़ा पहले चरण (121 सीटें, 6 नवंबर) और दूसरे चरण (122 सीटें, 11 नवंबर) के संयुक्त विश्लेषण पर आधारित है। पहले चरण में 354 (27%) और दूसरे चरण में 341 (26%) प्रत्याशी ऐसे हैं। कुल मिलाकर, 32% प्रत्याशी सामान्य अपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन गंभीर धाराओं का प्रतिशत चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद पार्टियां ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं।

चरण-वार ब्रेकडाउन

नीचे तालिका में चरण-वार आंकड़े दिए गए हैं (ADR रिपोर्ट के आधार पर):

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चरणकुल प्रत्याशी (विश्लेषित)सामान्य अपराधिक मामले (%)गंभीर अपराधिक मामले (संख्या और %)रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र (3+ मामले वाले)
पहला चरण (121 सीटें)1,303/1,314423 (32%)354 (27%)91 (75%)
दूसरा चरण (122 सीटें)1,297/1,302415 (32%)341 (26%)82 (67%)
कुल~2,600/2,616838 (32%)695 (27%)173 (71%)
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प्रमुख पार्टियों में गंभीर मामलों वाले प्रत्याशी

पार्टियां अपराधी पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को टिकट देकर ‘विनिंग फैक्टर’ मान रही हैं। नीचे प्रमुख पार्टियों का डेटा (दोनों चरणों का संयुक्त अनुमान):

पार्टीकुल प्रत्याशी (विश्लेषित)गंभीर मामले (संख्या और %)हत्या/प्रयास (उदाहरण)महिलाओं के खिलाफ अपराध
आरजेडी140+69 (49%)128
बीजेपी100+49 (49%)96
जदयू90+26 (29%)53
कांग्रेस60+32 (53%)45
जन सुराज (जेएसपी)231+100 (43%)1510
बसपा180+28 (16%)32
आप83+21 (25%)21
लोजपा (रामविलास)28+14 (50%)32
सीपीआई(एमएल)20+18 (90%)43
  • विशेष उल्लेख: कुल 119 प्रत्याशियों पर हत्या के मामले, 165 पर हत्या का प्रयास, 94 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध (जिनमें 4 बलात्कार), और 52 पर भ्रष्टाचार के आरोप। जेएसपी जैसे नए दल भी 43% गंभीर मामलों वाले प्रत्याशी उतारे हैं।

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