जो मर गए वो ना डालने पाए वोट,
मतदाता सूची की समीक्षा में होमवर्क पर चढ़ी त्योरियां
जो मर गए वो वोट ना डालने पाए, मतदाता सूची दुरूस्त किए जाने के निर्देश
युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने पर जोर
लोकसभा चुनाव के तैयारियों के मददे नजर भारत निर्वाचन आयोग की तैयारियों के क्रम में गुरूवार को राज्य निर्वाचन आयोग के आला अफसर मेरठ में थे। सत्रह जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी तथा एक आध के प्रतिनिधि समीक्षा बैठक का हिस्सा बने। समीक्षा के दौरान होमवर्क को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों की कई बार त्यौरियां चढ़ी। भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त धर्मेन्द्र शर्मा व नितेश व्यास के नेतृत्व में टीम पूरी तैयारी के साथ ऊर्जा भवन पहुंच गयी थी। बैठक में मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा समेत सभी सत्रह जिलों के डीएम व चुनाव से जुड़े अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ यहां पहुंचने के निर्देश भेज दिए गए थे, लेकिन जब बारी प्रस्तुतिकरण की आयी तो कुछ मानकों पर खरे नहीं उतरे।
परखी गयी तैयारियां
बैठक के दौरान मतदाता बनाने को लेकर जो फीड बैक पूर्व में भेजा जा चुका है तथा मतदाता बनाने को लेकर जो तैयारियां जिला स्तर पर तमाम जनपदों की चल रही हैं उनकी क्रास चैकिंग की गयी। अभियान में कितने लोग शामिल किए गए हैं। निर्धारित तिथि तक अभियान पूरा कर लिया जाएगा इन तमाम बातों पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा जानकारी ली गयी।
27 से पुनरीक्षण अभियान
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटा भारत निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के अंतिम दौर की समीक्षा के उपरांत अब प्रदेश भर में 27 अक्टूबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू करेगा। यह जानकारी समीक्षा के दौरान दी गयी। साथ ही यह भी परखा गया कि जिन जनपदों से जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी आए हैं उनके स्तर से इसको लेकर क्या अपडेट है। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गयी कि प्रदेश में 27 अक्टूबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान शुरू होकर नौ दिसंबर तक चलेगा।
अंतिम प्रकाशन पांच जनवरी को
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन पांच जनवरी को होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 75 जिलों की समीक्षा के लिए पांच चरण निर्धारित किए थे। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर व आगरा में समीक्षा करने के बाद आज गुरूवार को चुनाव आयोग ने अंतिम चरण में मेरठ में सत्रह जनपदों की समीक्षा की। यह भी जानकारी दी गयी कि आयोग अब तक 58 जिलों में मतदाता बनाने के अभियान की समीक्षा कर चुका है।
जो मर गए वो ना डालने पाए वोट
आयोग जिलाधिकारियों व चुनाव से जुड़े अफसरों के साथ बैठक कर सर्वाधिक फोकस मतदाता सूची पर रख रहा है। चुनाव के समय सबसे ज्यादा शिकायतें भी मतदाता सूची को लेकर आती हैं। इसलिए साफ-सुथरी मतदाता सूची के लिए आयोग का पूरा जोर है। 27 अक्टूबर से शुरू होने वाले मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की जिला स्तर पर क्या तैयारियां हैं इसे आयोग बारीकी से देखेगा। आयोग का फोकस मतदाता सूची को शुद्ध बनाने के लिए मतदाताओं के नाम दर्ज करने, मृत मतदाताओं के नाम हटाने, जनसंख्या के अनुपात में मतदाताओं का प्रतिशत व पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत सुधारने को लेकर है। युवा मतदाताओं के नाम सूची में जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों, तकनीकी एवं मेडिकल कालेजों, आइटीआइ, पालीटेक्निक आदि शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष कैंप आयोजित करने पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।