बड़े भाई-छोटे भाई” का फॉर्मूला फेल

kabir Sharma
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भाजपा के केंद्र व राज्य के नेता चाह कर भी छोटा भाई बड़ा भाई वाला फार्मूला नहीं चला सके, नीतिश व दूसरे घटक दलों की ज्यादा चली

नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार भाजपा का छोटा भाई बड़ा भाई वाला फार्मूला तमाम तिकड़मों के बाद भी नहीं चल सका। इसको लेकर भाजपा के राज्य के नेताओं में नाराजगी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आज (12 अक्टूबर 2025) सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। कुल 243 सीटों में से प्रमुख दलों भाजपा (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) को बराबर 101-101 सीटें मिली हैं, जो 2020 के चुनावों से एक बड़ा बदलाव है (उस समय JDU को 115 और BJP को 110 सीटें मिली थीं)। यह फैसला दोनों दलों के बीच समान साझेदारी को मजबूत करता है, जहां “बड़े भाई-छोटे भाई” का पुराना फॉर्मूला खत्म हो गया।

चिराग फायदे में मांझी को नुकसान

सीट बंटवारे में चिराग पासवान फायदे में नजर आ रहे हैं जबकि जीतन राम मांझी की धमकियों का असर भाजपा पर नहीं आ रहा है नजर। LJP (चिराग पासवान) को : 25-28 की उम्मीद के मुकाबले 29 सीटें मिलीं, जो पासवान समुदाय के वोट बैंक को मजबूत करने के लिए दी गईं। लेकिन 40 की मांग नहीं मानी गई। HAM (मांझी) और RLM (कुशवाहा) दोनों ने 10-15 सीटों की मांग की थी, लेकिन केवल 6-6 मिलीं। मांझी ने कहा, “हमें कोई शिकायत नहीं, NDA के फैसले से खुश हैं।” कुशवाहा को भी 7 की बजाय 6 मिलीं। NDA ने कहा कि यह “एक लक्ष्य, एक दिशा, एक विश्वास” की मिसाल है, जो बिहार के विकास पर केंद्रित है।

सीट बंटवारे का पूरा विवरण

दल का नामसीटों की संख्याप्रमुख नेता
भारतीय जनता पार्टी (BJP)101सम्राट चौधरी
जनता दल (यूनाइटेड) (JDU)101नीतीश कुमार
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJP-RV)29चिराग पासवान
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM)6उपेंद्र कुशवाहा
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM)6जीतन राम मांझी
कुल243
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