
एनडीए को इंडिया गठबंधन पर बढ़त, लेकिन तेजस्वी की लोकप्रियता बनी है चिंता, सर्वे में बढ़त के बाद भी परेशान हैं राज्य के बड़े भाजपा नेता
नई दिल्ली/ पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान के ठीक दो दिन पहले राजनीतिक हलचल चरम पर पहुंच गई है। जो सर्वे वायरल हो रहे हैं उनमें 243 सीटों वाले इस युद्धक्षेत्र में सत्ताधारी एनडीए (बीजेपी-जेडीयू गठबंधन) को बहुमत मिलने की संभावना मजबूत बताई जा रही है, लेकिन विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम दलों) और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के उभरते प्रभाव से त्रिशंकु (कोई भी गठबंधन बहुमत न पा सके) की आशंका बनी हुई है। विभिन्न ओपिनियन पोल और सोशल मीडिया ट्रेंड्स के आधार पर विशेषज्ञों का अनुमान है कि एनडीए 120-160 सीटें हासिल कर सकता है, जबकि महागठबंधन को 70-112 सीटें मिलने का पूर्वानुमान है। जेएसपी के लिए 0-7 सीटों का टारगेट है, जो वोटों का ध्रुवीकरण कर सकता है।
क्या दसवीं बार सीएम बन सकेंगे नीतीश कुमार
विशेषज्ञों का कहना है कि वोट ट्रांसफर और अंतिम घड़ी की रैलियां रिजल्ट तय करेंगी। एनडीए की एकजुटता बनाम विपक्ष का ध्रुवीकरण—यह चुनाव बिहार की राजनीति को नया आकार दे सकता है। चुनाव आयोग ने 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान की घोषणा की है, जबकि 14 नवंबर को वोट गिनती होगी। कुल 7.42 करोड़ मतदाता भाग लेंगे, जिसमें युवा और महिला वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। 2020 के चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन इस बार एंटी-इनकंबेंसी, बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे विपक्ष के हथियार हैं। 14 नवंबर का इंतजार ही अंतिम सत्य उजागर करेगा। क्या नीतीश दसवीं बार सीएम बनेंगे, या तेजस्वी का इंतजार खत्म होगा? बिहार की नजरें टिकी हैं।
प्रमुख ओपिनियन पोल्स: एनडीए आगे, लेकिन तेजस्वी की लोकप्रियता चिंता का विषय
ताजा सर्वेक्षणों में एनडीए को फायदा दिख रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की पसंद में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव 33% समर्थन के साथ नीतीश कुमार (29%) से आगे हैं। जेवीसी पोल (टाइम्स नाउ) के अनुसार, एनडीए को 41-43% वोट शेयर मिलेगा। हालांकि, कुछ पुराने पोल्स में महागठबंधन को बहुमत (126 सीटें) का अनुमान था, जो अब कमजोर पड़ रहा है।
| गठबंधन/पार्टी | अनुमानित सीटें (नवीनतम पोल्स) | वोट शेयर (%) | टिप्पणी |
|---|---|---|---|
| एनडीए (कुल) | 120-160 | 41-49 | बहुमत (122) पार करने की मजबूत संभावना। बीजेपी मुख्य लाभार्थी। |
| – बीजेपी | 62-81 | – | 2020 की 74 से वृद्धि, सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बन सकती है। |
| – जेडीयू | 29-52 | – | नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान, लेकिन गठबंधन बचाएगा। |
| – एलजेएसपी (रामविलास) | 5-12 | – | चिराग पासवान का प्रभाव सीमित। |
| – अन्य (एचएएम, आरएलएम) | 2-4 | – | छोटे सहयोगी। |
| महागठबंधन (कुल) | 70-112 | 38-44 | तेजस्वी की अगुवाई में मजबूत, लेकिन वोट ट्रांसफर में कमी। |
| – आरजेडी | 57-82 | – | सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, लेकिन ‘जंगलराज’ का ठप्पा चुनौती। |
| – कांग्रेस | 9-25 | – | सीमित प्रभाव, युवा मुद्दों पर फोकस। |
| – वाम दल (सीपीआई-एमएल, आदि) | 12-20 | – | ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत। |
| जन सुराज (जेएसपी) | 0-7 | 8-15 | प्रशांत किशोर का ‘एक्स-फैक्टर’, या तो फ्लॉप या सरप्राइज। |
| अन्य (एआईएमआईएम, निर्दलीय) | 2-12 | 12-16 | मुस्लिम बेल्ट में एआईएमआईएम का असर। |
सट्टा बाजार और सोशल मीडिया ट्रेंड्स: एनडीए फेवरेट, लेकिन सस्पेंस बरकरार
राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार में एनडीए को 128-134 सीटों का कोट दिया गया है, जो बहुमत से ऊपर है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ट्रेंडिंग पोस्ट्स में एनडीए को 140-180 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कुछ यूजर्स महागठबंधन को 110-120 सीटें दे रहे हैं। प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी या तो 10 से कम या 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी, लेकिन पोल्स में जेएसपी को महज 1-3 सीटें दिख रही हैं। ज्योतिषीय पूर्वानुमानों में नीतीश कुमार की किस्मत मजबूत बताई गई है, लेकिन राहु की दशा से चुनौतियां संकेतित हैं।