चुनाव प्रचार का शोर थमा, छह नवंबर की सुबह सात बजे से मतदान, संवदेनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर भारी पुलिस फोर्स
पटना, 4 नवंबर 2025 (स्पेशल रिपोर्ट): बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर-शराबा मंगलवार शाम 5 बजे थम गया। राज्य में पहले चरण में जहां मतदान होना है वहां जो बूथ बेहद संवेदनशील व अति संवेदनशील है वहां संगीनों के साए में मतदान कराया जाएगा। पोलिग पार्टिया मंगलवार शाम से रवाना की जा रही हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक बिहार में डटे हुए हैं जो मतदान पर नजर रखेंगे। निर्वाचन आयोग की सख्ती के तहत धारा 144 लागू हो चुकी है, जिसके दायरे में अगले 48 घंटों तक कोई रैली, जनसभा, रोड शो या प्रचार सामग्री का प्रसारण प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन पर दो साल की जेल या जुर्माने का प्रावधान है। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को होने वाले मतदान से ठीक पहले यह ‘चुनावी सन्नाटा’ बिहार की राजनीति को शांत लेकिन सस्पेंसपूर्ण मोड़ दे रहा है। कुल 1,314 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अब 3.75 करोड़ मतदाताओं के हाथ में है, जहां 45,341 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी।
बैठकों को दाैर शुरू
पहले चरण के मतदान से पहले चुनाव प्रचार थमने के बाद तमाम दलों के बड़े नेताओं ने बैठको का दौर शुरू कर दिया है। इन बैठकों में मतदान से पूर्व का फीड बैक लिया जा रहा है। मतदान के थमने के बाद मंगलवार और बुधवार की रात सभी प्रत्याशियाें और सीएम की दावेदारी करने वाले नेताओं के लिए कत्ल की रात है। यह रात सभी प्रत्याशियों के लिए जाग कर गुजारने वाली रात है।
बड़ा सवाल कौन बनेगा किंग
प्रचार थमने के बाद बिहार सांस थामे इंतजार कर रहा है। 6 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6 बजे तक (कुछ क्षेत्रों में कम समय) वोटिंग होगी। क्या एनडीए बहुमत बरकरार रखेगा, या तेजस्वी यादव का सपना साकार होगा? 14 नवंबर की गिनती ही फैसला लेगी। मतदाताओं से अपील: अपना वोट डालें, लोकतंत्र को मजबूत करें।
अंतिम दिन झोंकी ताकत
अंतिम दिन एनडीए और महागठबंधन के दिग्गजों ने धुआंधार रैलियां कीं—पीएम नरेंद्र मोदी ने महिला बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद किया, राहुल गांधी ने औरंगाबाद, कुटुंबा और वजीरगंज में तीन रैलियां कीं, प्रियंका गांधी भी मोर्चा संभाले रहीं। तेजस्वी यादव और पूर्व सीएम लाल प्रसाद यादव ने 17 सभाओं को संबोधित किया, जबकि अमित शाह, जेपी नड्डा, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार सरीखे तमाम नेताओं ने अंतिम दिन चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी।
साइलेंस मोड’ और मतदाताओं की अपील
प्रचार समाप्ति के साथ ही बिहार में ‘चुनावी शांति काल’ शुरू हो गया है। आयोग ने 121 सामान्य, 18 पुलिस और 33 व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। मतदाता घर-घर जाकर अपील कर सकते हैं, लेकिन कोई सार्वजनिक प्रचार नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौर वोट ट्रांसफर और अंतिम अपील के लिए निर्णायक साबित होगा। महिला मतदाताओं (1.76 करोड़) और युवाओं का रुझान महागठबंधन की ओर बताया जा रहा है, जबकि एनडीए को ग्रामीण पट्टी में मजबूत पकड़ है।
| जिला | सीटें | प्रमुख उम्मीदवार (कुछ उदाहरण) | मतदाता संख्या (लगभग) |
|---|---|---|---|
| मधेपुरा | 6 | तेज प्रताप यादव (आरजेडी) vs बीजेपी | 15 लाख |
| सहरसा | 7 | पीएम मोदी की रैली प्रभावित | 18 लाख |
| दरभंगा | 10 | एनडीए मजबूत | 22 लाख |
| मुजफ्फरपुर | 12 | चिराग पासवान का प्रभाव | 25 लाख |
| गोपालगंज | 9 | महागठबंधन फोकस | 16 लाख |
| सीवान | 8 | तेजस्वी की पैदल यात्रा | 17 लाख |
| सारण | 12 | जेडीयू-बीजेपी गठबंधन | 24 लाख |
| समस्तीपुर | 11 | वाम दलों का असर | 20 लाख |
| बेगूसराय | 7 | प्रणब मुखर्जी का पुराना गढ़ | 14 लाख |
| खगड़िया | 5 | आरजेडी मजबूत | 12 लाख |
| मुंगेर | 7 | ललन सिंह (जेडीयू) | 15 लाख |
| लखीसराय | 4 | निर्दलीयों की दावेदारी | 10 लाख |
| शेखपुरा | 5 | कांग्रेस प्रयास | 11 लाख |
| नालंदा | 7 | नीतीश कुमार का गढ़ | 14 लाख |
| पटना | 14 | राजधानी सीटें, उच्च टर्नआउट अपेक्षा | 28 लाख |
| भोजपुर | 7 | आरएसएस प्रभाव | 13 लाख |
| बक्सर | 7 | एनडीए फेवरेट | 14 लाख |
(कुल: 121 सीटें, 102 सामान्य, 19 एससी आरक्षित। स्रोत: चुनाव आयोग डेटा।)
अंतिम घड़ी की रणनीतियां: एनडीए vs महागठबंधन, जेएसपी का ‘स्पॉइलर’ रोल?
- एनडीए का दांव: बीजेपी (लगभग 50 सीटों पर), जेडीयू (30+), एलजेपी (10)। ‘जंगलराज’ पर हमला और महिला आरक्षण का प्रचार। योगी आदित्यनाथ ने 4 स्थानों पर रैलियां कीं।
- महागठबंधन का काउंटर: आरजेडी (60+ लक्ष्य), कांग्रेस (15), वाम (20)। राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने युवाओं को ललचाया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर अपील की।
- अन्य: प्रशांत किशोर की जेएसपी 5-7 सीटों पर दांव, एआईएमआईएम मुस्लिम बेल्ट में सक्रिय। निर्दलीयों का असर 10-15 सीटों पर। ओपिनियन पोल्स में एनडीए को 60-70 सीटें, महागठबंधन को 40-50 का अनुमान। लेकिन अंतिम वोटिंग में महिला-युवा फैक्टर सरप्राइज दे सकता है।