श्रीनगर के नौगांव थाना इलाके में तड़के ब्लास्ट, मरने वालों में तहसीलदार और पुलिस वाले भी शामिल, ब्लास्ट में थाना मलवे में तब्दील
नई दिल्ली/श्रीनगर। श्रीनगर के नौगांव थाना इलाके में शनिवार तड़के हुए ब्लास्ट में 13 की मौत की खबर है इसके अलावा कई की हालात नाजुक है। मरने वालों में कुछ पुलिस कर्मी भी बताए जा रहे हैं। दिल्ली के लालकिला ब्लास्ट के बाद अब श्रीनगर के नौगांव में ब्लास्ट के बाद देश भर में सुरक्षा ऐजेंसिया हाईअलर्ट पर हैं। यह घटना दिल्ली के हालिया कार बम ब्लास्ट के ठीक एक हफ्ते बाद हुई है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि विस्फोटक सामग्री की हैंडलिंग में सख्ती की जरूरत है। फिलहाल, श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
पूरा इलाका गया दहल
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर के नौगांव इलाके में स्थित पुलिस स्टेशन हुए ब्लास्ट ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस धमाके में 13 की मौत की खबर आ रही है, जबकि 27 अन्य घायल हो गए। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि इसकी आवाज 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और पुलिस स्टेशन का बड़ा हिस्सा मलबे में दब गया बताया गया है कि । ब्लास्ट फरीदाबाद (हरियाणा) से जब्त किए गए विस्फोटक सामग्री की फॉरेंसिक जांच के दौरान हुआ। अमोनियम नाइट्रेट जैसी संदिग्ध सामग्री के सैंपल लेने के समय अचानक ब्लास्ट हो गया, जिसमें एफएसएल टीम, तहसीलदार और पुलिसकर्मी शामिल थे। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने शनिवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना’ करार दिया और साफ कहा कि यह कोई आतंकी हमला नहीं है। उन्होंने कहा, “यह मानवीय चूक का मामला लगता है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।”
चश्मदीदों के डरावने बयान: ‘लाशें बिखरीं, सिर कटे हुए, धुआं चारों ओर’
नौगांव पुलिस स्टेशन के पास रहने वाले एक चश्मदीद तारिक अहमद ने बताया, “धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि घर के शीशे कांप उठे। जब हम बाहर निकले तो दृश्य छोटी कयामत जैसा था – लाशें बिखरी हुईं, सिर कटे हुए टुकड़े, और चारों ओर धुआं। 300 फीट दूर तक मानव अंगों के टुकड़े बिखरे मिले। 7-8 गाड़ियां जलकर राख हो चुकी थीं।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि अफरा-तफरी मच गई थी, लोग चीख रहे थे और बचाव कार्य में देरी हुई।
गृह मंत्रालय अलर्ट
गृह मंत्रालय ने घटना पर तुरंत संज्ञान लिया है और इसे ‘शुद्ध हादसा’ बताया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “नौगांव पुलिस ने ही टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया था। फरीदाबाद से बरामद IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को सुरक्षित रखा गया था, लेकिन सैंपलिंग के दौरान अनियोजित तरीके से विस्फोट हो गया।” हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानवीय चूक के अलावा टेरर एंगल की जांच की मांग कर रहे हैं। एनआईए और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से जांच कर रही है।
प्रभावितों की संख्या और राहत कार्य
मरने वालों में ज्यादातर पुलिसकर्मी और जांच टीम के सदस्य शामिल हैं। घायलों को श्रीनगर के एसकेआइएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि घोषित की है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह दुखद है, लेकिन हमारी सुरक्षा ताकतें अडिग रहेंगी।”