बेहद सादगी से किया गया कामिनी कौशल का अंतिम संस्कार, तीन डाग्स भी अंतिम दर्शन के लिए लाए गए, कामिनी की मौत के बाद उनके पालतू डाग्स ने छोड़ा खाना
नई दिल्ली/मुंबई। सिने स्टार कामिनी कौशल के अंतिम संस्कार से Wollwood के सभी बड़े सितारों ने दूरी बना ली। उनका अंतिम संस्कार बेहद सादगी से किया गया। कामिनी कौशल के अंतिम संस्कार में परिवार वालों के आलावा केाई अन्य नहीं था। मीडिया को भी कवरेज की इजाजत नहीं दी गयी। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात कि जिस इंडस्ट्रीज का कामिनी कौशल कई दशकों तक हिस्सा रहीं, वहां से कोई नहीं आया। कामिनी कौशल के बेटे विदुर ने हिंदू रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार किया
वर्ली श्मशान घाट पर किया अंतिम संस्कार
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री कामिनी कौशल का 98 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को निधन होने के बाद शनिवार सुबह मुंबई के वर्ली श्मशान घाट (मोजेस रोड) पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। 10:30 बजे शुरू हुई रस्मों के दौरान पूरा परिवार मौजूद रहा, लेकिन बॉलीवुड के किसी बड़े सितारे के नजर न आने से इंडस्ट्री में सवाल उठे। परिवार ने प्राइवेसी का हवाला देकर मीडिया और बाहरी लोगों को दूर रखा, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार बेहद सादा और निजी रहा।
बेहद भावुक रही बेजुवानाें की ओर से अंतिम विदाई
अंतिम यात्रा में सबसे भावुक दृश्य तब आया जब कामिनी कौशल के तीन पालतू कुत्ते भी उनके अंतिम दर्शन के लिए लाए गए। ये डॉग्स, जिन्हें अभिनेत्री अपना परिवार मानती थीं, अंतिम संस्कार में शामिल होकर नम आंखों वाले परिवार के साथ खड़े दिखे। एक वीडियो में कुत्तों को कामिनी के पार्थिव शरीर के पास लाया गया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। चश्मदीदों ने बताया कि ये डॉग्स अभिनेत्री के करीब थे और उनकी मौत के बाद भी उदास दिख रहे थे।
कोई बॉलीवुड सितारा नहीं पहुंचा
कामिनी कौशल के पांच बच्चों में से उनका बेटा लंदन से विशेष रूप से मुंबई पहुंचा, जिसके बाद ही अंतिम संस्कार की रस्में शुरू की गईं। परिवार के अन्य सदस्यों – पत्नियां, भतीजे-भतीजियां और करीबी रिश्तेदार – ने नम आंखों से उन्हें अलविदा कहा। विद्युत शवदाह (इलेक्ट्रिक क्रिमेशन) के जरिए संस्कार पूरे किए गए। फिल्म पत्रकार विक्की लालवानी ने बताया कि परिवार बेहद लो-प्रोफाइल है और इस दुख की घड़ी में गोपनीयता चाहता है।
हालांकि, बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी, लेकिन अंतिम संस्कार में किसी भी बड़े सितारे – जैसे आमिर खान (जिनकी ‘लाल सिंह चड्ढा’ में कामिनी का आखिरी रोल था), शाहिद कपूर (कबीर सिंह में उनकी दादी का किरदार) या धर्मेंद्र (जिनकी पहली हीरोइन थीं) – के पहुंचने की कोई खबर नहीं।
लाहौर में हुआ था जन्म
1927 में लाहौर में जन्मीं उमा कश्यप उर्फ कामिनी कौशल ने 1946 में ‘नीचा नगर’ से डेब्यू किया, जो कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी’ओर जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म बनी। उन्होंने दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद जैसे सितारों के साथ 90 से ज्यादा फिल्में कीं। उनकी शादी बी.एस. सूद से हुई, जो उनकी बहन के पति के भाई थे। उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण उनका निधन हुआ। इंडस्ट्री ने उन्हें ‘बॉलीवुड की दादी-नानी’ कहा।
बॉलीवुड में शोक की लहर, श्रद्धांजलि सभा की मांग
फिल्म इंडस्ट्री में कामिनी के निधन से सन्नाटा पसर गया। कई सितारों ने ट्विटर पर यादें साझा कीं, लेकिन अंतिम संस्कार के सादगी भरे अंदाज पर सवाल उठे। एक करीबी मित्र ने कहा, “वे निजता पसंद करती थीं, इसलिए परिवार ने ऐसा ही रखा।” परिवार ने सभी को दान-पुण्य के जरिए याद रखने की अपील की।