सम्राट चौधरी हो सकते हैं सरकार से बाहर, सम्राट को संगठन में भेजे जाने की अटकलें, विपक्ष बोला एनडीए की नहीं मशीन की जीत
नई दिल्ली/पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही बनेंगे कोई अन्य नहीं। जबकि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सरीखे उप मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। चिराग पासवान को भी कोई अच्छा विभाग मिलेगा। इंडिया गठबंधन को जीतनी बडी हार मिली है उसको राजनीतिक विश्लेषक पचाने को तैयार नहीं। उनकाक कहना है कि ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी। वहीं दूसरी ओर जानकारी मिली है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में नीतीश का शपथ ग्रहण हो सकता है। पूरे घटनाक्रम ने एक बात साबित कर दी कि चाणक्य अमित शाह नहीं बल्कि नीतीश कुमार हैं।
नीतीश के आगे पूरा एनडीए बौना साबित
बिहार विधानसभा के चुनावों के दौरान और चुनाव नतीजों के बाद जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ है उससे साबित हो गया है कि बिहार की राजनीति के चाणक्य अमित शाह नहीं बल्कि नीतीश कुमार हैं। नीतीश कुमार ने सधी हुई राजनीतिक चालों से साबित कर दिया है कि उनको राजनीतिक चुनौती देने वाला अभी पैदा नहीं हुआ है। चुनाव से पहले ही एनडीए के सभी घटक दलों – बीजेपी, जदयू, चिराग पासवान की लोजपा (रा), जीतन राम मांझी की हम और अन्य – ने स्पष्ट कर दिया था कि मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे। नतीजों के बाद भी यह स्थिति बरकरार है।
नीतीश कुमार 10वीं बार बनेंगे मुख्यमंत्री, NDA की प्रचंड जीत के बाद शपथ ग्रहण जल्द
पटना, 16 नवंबर 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राज्य की सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथों में ही सुरक्षित है। एनडीए ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी (लगभग 92 सीटें), जबकि जदयू ने करीब 82 सीटें हासिल कीं। वहीं, महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमट गया।
सम्राट चौधरी को भेज सकते हैं संगठन में
“जनता ने नीतीश जी पर फिर भरोसा जताया है। वे ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे।” – सम्राट चौधरी, प्रदेश बीजेपी के अलगे अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले नई सरकार का गठन और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। संभावना है कि 26 या 28 नवंबर को राजभवन में भव्य समारोह होगा। नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे – जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
दस हजार और EVM की जीत का आरोप
बिहार के नए मंत्री मंडल में बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी या विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की चर्चा। जदयू के कोटे से विजय चौधरी, श्रवण कुमार जैसे पुराने चेहरे बरक उरार रह सकते हैं। वहीं दूसरी ओर लड़ाई खत्म नहीं हुई। जनता के मुद्दों पर हम सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे।” वहीं दूसरी ओर विपक्ष के अन्य नेताओं का कहना है कि चुनाव में जीत भाजपा की नहीं बल्कि दस हजार रुपए औरा ईवीएम की हुई है। नीतीश कुमार की यह जीत न सिर्फ उनकी रणनीति की जीत है, बल्कि बिहार में स्थिरता और विकास की जनाकांक्षा का भी प्रमाण है। अब सबकी निगाहें शपथ ग्रहण और नई कैबिनेट पर टिकी हैं।