छुट्टा पशु कहीं फेर ना दें कवायदों पर पानी, कैंट बोर्ड ने शुरू की कवायद, आला अफसर कर रहे हैं निगरानी.
मेरठ/माल रोड का जो पुराना रूतबा और रौब हुआ करता था उसको बरकरार रखने की कवायदें शुरू कर दी गयी हैं। कैंट बोर्ड इसकी कवायद में जुट गया है। कैंट बोर्ड ही नहीं आला फौजी अफसर भी माल रोड को लेकर की जा रही कवायदों पर नजर रख रहे हैंं, हालांकि कैंट की चोरी छिपे संचालित की जा रही अवैध डेयरियों के छुट्टा पशुओं की समस्या के चलते माल रोड का पुराना रूतबा बरकरार किया जा सकेगा, इसमें संदेह नजर आता है, क्योंकि कैंट के वाशिंदे भी मान रहे हैैं कि छुट्टा पशुओं को लेकर बोर्ड की कोशिशों में कमी नहीं, लेकिन छुट्टा पशुओं की समस्या फिलहाल तो लाइलाज रोग बन गई है।
बडे स्तर पर कार्य
माल रोड की बात करें तो इन दिनों वहां बडेÞ स्तर पर कार्य कराए जा रहे हैं। माल रोड पर हादसों की एक बड़ी वजह अचानक दौड़ते भागते छुट्टा पशुओं का गाड़ियों के सामने आ जाना। इससे निपटने के लिए माल रोड की लालकुर्ती वाली साइड पर लोहे की मोटी जाली लगवाई गई है। प्रयास है कि इस जाली से माल रोड पर पहुंच जाने वाले छुट्टा पशुओं को रोका जाए, लेकिन इस कवायद से छुट्टा पशु रोके जा सकेंगे, लोगों इसमें संदेह है। यह भी आशंका जतायी जा रही है कि यह भी हो सकता है कि माल रोड पर रोड साइड जो जालियां लगायी जा रही हैं किसी दिन वो ही गायब हो जाएं। जालियों के अलावा माल रोड के फुटपाथ को भी सजाया संवारा जा रहा है। नए सिरे से उसको बनाया जा रहा है। इसके अलावा भी माल रोड के सौन्दर्यीकरण पर कई काम अभी और किए जाने हैं।
अफसर रख रहे नजर
माल रोड की बुरी हालात सबसे ज्यादा नागवार यहां से होकर गुजरने वाले फौजी अफसरों को गुजरती है। माल रोड पर फौजी अफसरों की कालोनी के अलाव आर्मी के कई मैस भी हैं जहां कई बार फौजी अफसरों का अमला आता जाता रहता है। जब भी कोई बड़ा फौजी अफसर पहले आता था तो कैंट और सेना के अफसर उन्हें माल रोड दिखाने के लिए जरूर लेकर जाते थे, लेकिन अब माल रोड की इतनी दुर्दशा कर दी गयी है कि इसको दिखाने के लिए किसी को नहीं लाया जाता है। लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि माल रोड का जो रूबता आज से बीस साल पहले हुआ करता था वो लौटेगा।
कई कारण
माल रोड के बर्बाद होने के कई कारण है जिनमें से सबसे बड़ी वजह रैपिड प्रोजेक्ट को माना जाता है, हालांकि मेरठ के लिहाज से रैपिड प्रोजेक्ट जो लगभग पूरा हो चुका है, विकास की नई इबारत लिख रहा, लेकिन इस प्रोजेक्ट के साइड इफैक्ट की यदि बात की जाए तो सबसे ज्यादा माल रोड पर ही पड़ा। इसके अलावा दो दशकों के दौरान माल रोड पर ट्रैफिक का लोड भी काफी बढ़ा है। माल रोड को अब बाईपास के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इसके बाद भी कैंट बोर्ड माल रोड की दशा सुधार कर ही दम लेगा।