इंडिया गेट पर जमा हुए थे लोग, प्रदूषण के खिलाफ हो रही थी नारेबाजी, अचानक मदवी हिडमा के लगे नारे
नई दिल्ली। इंडिया गेट पर सर्द मौसम में हजारों लोग प्रदूषण के खिलाफ जमा हुए थे, वो सरकार पर कुछ ना करने के आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि राजधानी में जहरीली हवा के खिलाफ इंडिया गेट पर रविवार शाम को शुरू हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने अचानक हिंसक और विवादास्पद मोड़ ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने मास्क पहनकर प्रदूषण के खिलाफ नारे लगाए, लेकिन जल्द ही माओवादी कमांडर मदवी हिडमा (जिसे हिडमा के नाम से जाना जाता है) के समर्थन में ‘मदवी हिडमा अमर रहे’, ‘कितने हिडमा मारोगे’ और ‘हर घर से निकलेगा हिडमा’ जैसे नारे गूंजने लगे। इस घटना से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। ।” हिडमा, जो 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश में एनकाउंटर में मारा गया था, पर 1 करोड़ का इनाम था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हिडमा आदिवासी थे, जो जंगलों के अधिकारों के लिए लड़े। तरीका गलत हो सकता है, लेकिन कारण सही है।
पुलिस पर पेपर स्प्रे से हमला
अचानक ही मदवी हिडमा के नारों के बीच कुछ ने पुलिस पर पेपर स्प्रे फेंकने शुरू कर दिए। पुलिस भी एक्शन में आ गई। इसके बाद इंडिया गेट का यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर पहुंच गया और BJP ने इसे ‘मार्क्स-माओ की प्रदूषित सोच’ बताते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज कीं – एक बाधा डालने और हमले के लिए। अदालत में पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ने कहा, “ये लोग पूरी तैयारी से आए थे, नक्सल लिंक चेक करने के लिए रिमांड चाहिए।” 22 प्रदर्शनकारियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया, एक को उम्र सत्यापन के लिए सेफ हाउस।