राहुल के रूख का इंतजार

kabir Sharma
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कर्नाटक में सत्ता को लेकर कांग्रेस में संघर्ष, कांग्रेस को दोनों चाहिए डीके भी सिद्धारमैया भी, डीके लॉबी का दस जनपथ पर डेरा

नई दिल्ली/बैगलोर। कर्नाटक में ढाई साल पहले बनी कांग्रेस सरकार के बीच दो घड़ों में सत्ता संघर्ष चरम पर है। यह सत्ता संघर्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले डीके शिव कुमार और सीएम सिद्धारमैया के बीच है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में डीके शिव कुमार और सिद्धारमैया ने काफी मेहनत की थी, हालांकि जीत की बड़ी वजह खुद डीके शिव कुमार थे। डीके शिव कुमार की जगह कोई अन्य नेता होता तो निश्चित रूप से कर्नाटक कांग्रेस के हाथ से फिसल गया था, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है, लेकिन इसके बाद भी डीके शिव कुमार सीएम नहीं बन सके, उन्हें सिद्धारमैय्या के नाम पर समझौता करना पड़ा, हालांकि वह डिप्टी सीएम बनाए गए। लेकिन इसके लिए जो फार्मूला तैयार की गया था वो ढाई-ढाई साल वाला है।

सीक्रेट मिटिंग

साल 2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस की मुश्किल नहीं हो रही थीं, इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के को संकट मोचन बनने को कहा गया। उनके आवास पर सीक्रेट मिटिंग हुई। इस मिटिंग में ढाई-ढाई साल वाला फार्मूला निकाला गया। सिद्धारमैय्या का टर्म पूरा हो गया है। बेहतर तो यही था कि वह खुद ही डीके शिव कुमार को आफर देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे डीके शिव कुमार खेमा बेचैन है और डेरा दिल्ली में डाला हुआ है। अब देखना यह है कि राहुल गांधी क्या करते हैं। इंतजार राहुल के इशारे का है।

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