दुनिया में आते ही नवजात को सलाखों के पीछे डाला, मुस्कान के साथ नवजात राधा भी सलाखों के पीछे, नीला ड्रम याद हैं ना
नई दिल्ली। दिल्ली से सटे वेस्ट यूपी के मेरठ में एक नवजात को जन्म लेने के चंद धंटों बाद ही पुलिस ने जेल की अंधेरी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जिसको जन्म के चंद घंटे बाद ही सलाखों के पीछे भेज दिया हो वो नवजात गुनाह क्या होता है यह जानती तक नहीं। यह कहानी है राधा की जो सर्द मौसम में मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागर में सलाखों के पीछे पहुंचा दी गयी है।
इतना है कसूर
फूल से काेमल और मासूम राधा का कसूरा केवल इतना है कि उसने नीले ड्रम वाली मुस्कान रस्तौगी की कोख से जन्म लिया है। मुस्कान रस्तौगी की कहानी देश ही नहीं पूरी दुनिय जानती है। कैसे उसने अपने नेवी अफसर पति सौरभ राजपूत को नशा देकर प्रेमी साहिल की मदद से उसकी हत्या कर दी थी और बाद में सौतेली मां ने मुसकान को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मुस्कान के प्रेमी जो इस गुनाह में बराबर का हिस्सेदार है उसको भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। हालांकि जेल प्रशासन मासूम और उसकी मां का पूरा ख्याल रख रहा है। मुस्कान को बेटी होने की खबर उसके परिजनों को भी दी गयी, लेकिन ना तो उसकी सौतेली मां और ना ही सगा पिता उससे मिलने को आए।
कहानी की मुख्य किरदार मुस्कान रस्तौगी
इस कहानी की मुख्य किरदार मुस्कान रसतौगी है, जिस पर आरोप है कि उसने पति की हत्या कर दी। यह चैप्टर बीते 3 मार्च 2025 को शुरू हुआ था। मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की अपनी ही पत्नी मुस्कान ने प्रेमी साहिल (उर्फ मोहित) शुक्ला के साथ मिलकर उसकी क्रूर हत्या कर दी। पुलिस जांच के मुताबिक, मुस्कान ने सौरभ को खाने में नशीली दवा मिलाकर बेहोश किया, फिर चाकू से उसकी छाती पर वार किया। साहिल ने शव के टुकड़े किए और उन्हें नीले प्लास्टिक ड्रम में भरकर सीमेंट का घोल डाल दिया। वारदात के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश भाग गए थे। बाद में मुस्कान ने परिजनों को कबूल लिया, जिसके आधार पर 4 मार्च को दोनों को गिरफ्तार किया गया। उस वक्त मुस्कान डेढ़ महीने की गर्भवती बताई गई थी। मुस्कान की पहले से तीन साल की बेटी पीहू सौरभ के माता-पिता के पास रह रही है। हत्याकांड के बाद सौरभ का परिवार टूट चुका है।
क्या चाहती है कुदरत सौरभ के जन्म दिन पर बेटी का जन्म
सबसे चौंकाने वाली बात – मुस्कान ने बच्ची को 24 नवंबर 2025 को जन्म दिया, जो सौरभ राजपूत का जन्मदिन था! रविवार रात प्रसव पीड़ा बढ़ने पर मुस्कान को मेरठ मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां सुबह 6:50 बजे नॉर्मल डिलीवरी हुई। जेल प्रशासन ने बताया कि बच्ची का नाम ‘राधा’ रखा गया है – मुस्कान का कहना था कि उसे ‘कृष्ण’ जैसा बेटा चाहिए था, लेकिन बेटी होने पर ‘राधा’ नाम सटीक लगा। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही मुस्कान और राधा को मेरठ जेल की बैरक नंबर 12A में शिफ्ट कर दिया गया। जेल नियमों के तहत, मुस्कान अपनी बेटी को 6 साल तक साथ रख सकती है।