धोखा हुआ है कैसे करें यकीन,
मासूम बच्चे सिस्टम पर विश्वास कैसे करें ?
मेरठ में आईएमए के पूर्व सचिव डा. अनिल नौसरान ने नीट की परीक्षा को देश के भविष्य के साथ चीट बताया है। उन्होंने कहा कि बड़ा धोखा किया गया है, ऐसे में बच्चे भला कैसे सिस्टम व सरकार पर भरोसा कर सकते हैं। डा. नौसरान ने कहा कि पूरी दुनिया के सामने मासूम बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है और हम सब विवश हैं। हजारों बच्चे असहनीय पीड़ा के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन सभी लाचार हैं।अपनी बात अदालत के सामने रखना चाहते हैं लेकिन नहीं रख पा रहे। सरकार तो मानो बिल्कुल निष्ठुर हो चुकी है। NTA, ने नीट का रिजल्ट दस दिन पहले इसलिए लाया ताकि चार जून के शपथ ग्रहण समारोह की गहमा गहमी में महाघोटाला दब जाएं। अब काउंसलिंग इसलिए पहले कर रही हैं ताकि कोर्ट की सुनवाई से पहले काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो जाए। सरकार के गलत इरादों का इस से बड़ा प्रमाण क्या होगा?
सब कुछ सही है तो अदालत से डर क्यों ?
दो -तीन -चार साल इस परीक्षा के लिए खपाने वाले छात्रों का इतना अधिकार तो बनता है कि वह एक बार पूरे result को देखकर अपने संशय दूर कर लें। क्या एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे अधिकार की मांग रखना अनुचित है ? सरकार में जरा भी संवेदनशीलता बची है तो इन मासूम, मेधावी बच्चों के मन की बात सुने। मेरिट लिस्ट में आए प्रथम एक लाख बच्चों का रिजल्ट और OMR सार्वजनिक होना चाहिए।
जिस प्रकार हमारे प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी मन की बात सार्वजनिक रूप से करते हैं उसी प्रकार इन बच्चों से भी कर लें। सच में बच्चे बहुत उत्साह और आत्मविश्वास से लबरेज हो जाएंगे। पारदर्शिता की बात करते हैं जबकि नीट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में अनियमितताओं के सारे रिकॉर्ड तोड़े गए। यदि सरकार चाहती है कि इस देश के युवाओं का तंत्र और संस्थाओं में विश्वास बना रहे तो इस परीक्षा की जांच सीबीआई को दे।