हिन्दुस्तान में अक्सर होती है बहस, पीएम होने के चलते मोदी को मिलता है सम्मान, राहुल के पीछे फैमली बैकग्राउंड
नई दिल्ली। हिन्दुस्तान की राजनीति में अक्सर इस बात का लेकर बहस होती है कि विदेशो में कौन ज्यादा लोकप्रिय है पीएम मोदी या फिर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी। राहुल गांधी की जर्मनी की यात्रा ने यह चर्चा एक बार फिर से छेड़ दी है कि विदेश में मोदी और राहुल में कौनकिस पर भारी पड़ रहा है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जापान दौरे और अन्य विदेशी यात्राओं ने चर्चा छेड़ दी है कि क्या विदेशों में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा इज्जत मिलती है। लेकिन तथ्यों की जांच से पता चलता है कि मोदी को 29 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं, जबकि राहुल गांधी के दौरों में सकारात्मक स्वागत तो है, लेकिन कोई बड़ा अवॉर्ड या उच्च सम्मान नहीं। हालांकि यह भी सच है कि पीएम मोदी को जो सम्मान विदेश में मिल रहा है उसके पीछे बड़ी वजह उनका भारत जैसे बड़े देश का पीएम होना है, जबकि राहुल गांधी को जो विदेशो में सम्मान मिल रहा है वह उनकी काबलिय तौर उनके साथ नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव गांधी जैसी दुनिया की बड़ी शख्सियतों का बैकग्राउंड होना बताया जाता है।
विदेश में घटना दर-दर घटनाएं
बात नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की
सितंबर 2024 में अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी को भारतीय डायस्पोरा ने गर्मजोशी से स्वागत किया। वहां उन्होंने राजनीति और डायस्पोरा इंगेजमेंट पर बात की, जो सकारात्मक रही। दिसंबर 2025 में न्यूजीलैंड के डिप्टी PM विंस्टन पीटर्स से दिल्ली में मुलाकात हुई, जहां राहुल को सम्मानित तरीके से हाथ मिलाकर लिया गया। कांग्रेस ने इसे उनके वैश्विक कद का प्रमाण बताया। जर्मनी में प्रोग्रेसिव अलायंस के निमंत्रण पर दौरा, जहां उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, कई दौरों पर विवाद रहा, जैसे 2017 में UK, US, तुर्की और इटली के 6 दौरों में 72 दिन बाहर रहना, जो रहस्यमय या शेडी बताए गए।
बात पीएम मोदी की
इसके इतर यदि पीएम मोदी को लेकर बात करें तो दिसंबर 2024 में कुवैत ने मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ दिया, जो उनकी वैश्विक मान्यता का उदाहरण है। जुलाई 2025 में ब्राजील ने ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस’ से सम्मानित किया, जो उनका 26वां ग्लोबल अवॉर्ड था। विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी कर सम्मान इसलिए हैं क्योंकि वे प्रधानमंत्री हैं और वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाते हैं, जबकि राहुल गांधी के दौरों में विपक्षी नेता के रूप में सकारात्मक स्वागत तो है, लेकिन अवॉर्ड्स कम। यह बहस राजनीतिक है, लेकिन तथ्य मोदी की तरफ झुकते दिखते हैं।