मलवे में दबे हैं पशु-सड़ाध से जीना मुहाल,
डेयरी हादसे का मलवा हटवाए जाने के लिए निगम अफसरों को दर्जनों कॉल
मेरठ / लोहिया नगर के चमड़ा पैठ जाकिर गली नंबर आठ व आसपास के इलाकों में रहने वालों का मलवे से उठ रही सड़ांध की वजह से जीना मुहाल है। यहां रहने वालोें ने नगर निगम के अफसरों व एक पूर्व पार्षद को कॉल कर डेयरी का मलवा हटवाए जाने को कहा। लोगों ने आशंका जतायी है कि डेयरी के मलवे में कुछ पशु अभी दबे हो सकते हैं, जब तक मलवा नहीं हटाया जाएगा, तब तक यहां सफाई भी नहीं हो पाएगी। वहीं दूसरी ओर निगम के पूर्व पार्षद अब्दुल गफ्फार ने बताया कि शुक्रवार को जब तमाम दलों के नेता व जिले के प्रभारी मंत्री तथा प्रशासन के दूसरे बडे अफसर वहां पहुंचे थे। तब भी सड़ांध उठ रही थी। सांसद राजकुमार सांगवान के साथ आए लोगों ने भी मलवे से बदबू आने की बात कही थी। मंगलवार के मलवे से उठ रही सड़ांध ने लोगों को ज्यादा परेशान किया। उन्होंने मलवा हटवाए जाने के लिए कई लोगों को कॉल भी किया। वहीं दूसरी ओर पूर्व पार्षद अ. गफ्फार ने बताया कि वह मलवा हटवाए जाने तथा मौके पर आकर मुआयना करने के लिए बुधवार को वह नगरायुक्त सौरभ गंगवार से मिलेंगे
संतोष से सायमा आनंद शिफ्ट
डेयरी हादसे में मलवे में दबी सायमा को हापुड़ रोड स्थित संतोष हॉस्पिटल से अब गढ़ रोड स्थित आनंद हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया है। परिवार के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी कि सायमा की हालत में अब सुधार हो रहा है। उसकी हालात पहले से काफी ठीक भी है और स्थिर भी बनी हुई है।
स्कूल के जिम में ठिकाना
नफ्फो के परिवार के जो लोग खासतौर से उसके तीन बेटे शाकिर, नदीम व नईम आदि ने अभी अपना ठिकाना जाकिर कालोनी के एक स्कूल के जिम में बनाया हुआ है। हालांकि उनके काफी रिश्तेदार इस इलाके में रहते हैं। लोगों ने बताया कि दरअसल इस बिरादरी में परिवार में किसी की मौत जैसे हादसे के बाद रिश्तेदारों व बिरादरी के लोगों के आने जाने का काफी रिवाज है और अब किसी के घर में इतनी जगह नहीं होती कि इतने ज्यादा आदमियों के बैठने का इंतजाम कर सकें, इसलिए स्कूल में ही फिलहाल ठिकाना बनाया है।