कैंट बोर्ड अजब है-अफसर गजब हैं

कैंट बोर्ड अजब है-अफसर गजब हैं
Share

कैंट अजब है-अफसर गजब हैं, मेरठ
14 सितंबर को रविवार को साप्ताहिक अवकाश था। वीक एंड पूरे स्टॉफ के प्रोग्राम पहले से फिक्स थे, लेकिन मुसीबत यह थी कि 14 सितंबर यानि हिन्दी दिवस का रविवार पड़ गया। हिन्दी सप्ताह मनाए जाने का सरकारी फरमान था, इसलिए उसको अनदेखा भी नहीं किया जा सकता था। सो कैंट बोर्ड के अफसर और स्टॉफ कारगुजरी पर एकमत हो गए और बजाए 14 सितंबर के 13 सितंबर से ही हिन्दी सप्ताह बना डाला।
मेरठ कैट बोर्ड की कारगुजारियों की चर्चा   यूं तो देश भर की 62 छावनियों में होती रहती है, लेकिन इस बार जो कार्रगुजारी अंजाम दी गयी है उसकी चर्चा तो केवल कैंट बोर्ड ही नहीं राष्ट्रपति भवन, पीएमओ, रक्षा मंत्रालय खासतौर से डीजी डिफैंस व जीओसी इन चीफ के अलावा सब एरिया कमांडर के यहां भी होनी चाहिए। उसकी वजह मेरठ कैंट अजब और यहां बैठने वाले अफसर गजब हैं। अब बात कर लेते हैं इनकी शर्मसार करने वाली कारगुजारी की। पूरा देश हिन्दी दिवस 14 सितंबर को मनाता है, लेकिन कैंट बोर्ड में बैठने वाले अफसरों की फौज ने हिन्दी दिवस 13 सितंबर को बनाने की हिन्दी भाषा को अपमानित करने वाले कारगुजारी अंजाम दे डाली है। इसका सबूत कैंट बोर्ड में सीईओ के कक्ष के बाहर लगा बड़ा सा एक बैनर है जिस पर साफ और पढ़े जाने वाले शब्दों में लिखा है हिन्दी दिवस 13 सितंबर से 27 सितंबर तक। हिन्दी सप्ताह के आयोजन के नाम पर कैंट बोर्ड की यह शर्मसा करने वाली हरकत को जो भी हिन्दी प्रेमी देखेगा वह माथा पीट लेगा और अन्यास ही मुंह से निकल जाएगा कि कैसे-कैसे अफसर मिनिस्ट्री ने मेरठ में भेज दिए हैं, जिन्हें इतना भी सहूर नहीं कि हिन्दी दिवस का 14 सितंबर को मनाया जाने वाला सप्ताह भर का कार्यक्रम एक दिन पहले इसलिए नहीं बढ़ाया क्योंकि सरकारी छुट्टियां पड़ रहीं हैं। अवकाश की दशा में भी तमाम महकमों के अफसर 14 सितंबर को दफ्तर पहुंचकर हिन्दी सप्ताह के आयोजनों का शुभारंभ करते हैं, लेकिन कैट बोर्ड के अफसरों ने ऐसा नहीं किया। इसे केवल मनमानी या फिर लापरवाही की श्रेणी में ही रखा जा सकता है।
इसके इतर हिन्दी का सम्मान की यदि बात करें तो राष्ट्रपति भगवन, पीएमओ, साथ ब्लॉक, नार्थ ब्लाक तथा सेना के तमाम उच्च पस्थ अफसरों का हिन्दी भाषा से प्रेम किसी से छिपा नहीं है। इसके इतर यदि कैट बोर्ड के अफसरों की बात की जाए तो बजाए 14 के 13 सितंबर से हिन्दी दिवस के सप्ताह की शुरूआत  उनके हिन्दी प्रेम की पोल खोलने को पर्याप्त है।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *