फर्जी सर्टिफिकेट से जीडीएस में भर्ती कराने वाले दबोचे, मेरठ फर्जी सर्टिफिकेट के जरिये जीडीएस (ग्रामीण डाक सेवा) में भर्ती कराने वाले गैंग को यूपी एसटीएफ ने दबोचा है। अभी कुछ और गिरफ्तारियां संभव है। एसटीएफ मेरठ यूनिट के एएसपी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह ऑपरेशन यूपी एसटीएफ ने अलीगढ़ में अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि ये लोग डाक अधीक्षक अलीगढ़ से सेटिंग कर गैंग फर्जी तरीके से भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों की फिजिकल डाक्युमेंट वेरिकेशन कराते थे। जीडीएस भर्ती का नोटिफिकेशन 15 जुलाई 2024 को जारी हुआ था। 44,228 पदों पर देशभर में भर्ती हो रही है। भर्ती की मेरिट लिस्ट 23 अगस्त 2024 को आई थी। गैंग का सरगना साजिद अली फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट तैयार करता था। वह उन्हें ऑनलाइन डाटा में चढ़ावाता था। साकिब कैंडिडेट लेकर आता था। मैनपुरी डाक अधीक्षक का ड्राइवर विकल यादव डाक विभाग में सेटिंग करवाता है। विकल साजिद से 2023 में डाक अधीक्षक रहे देवेंद्र कुमार के माध्यम से मिला था। देवेंद्र कुमार वर्तमान में सीपीएम झांसी के पद पर नियुक्त है। साजिद देवेंद्र कुमार सिंह के पास आता जाता था। तभी से विकल साजिद को जानता है। वर्तमान में अलीगढ़ में नियुक्त डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह पहले मैनपुरी में तैनात थे। तब विकल इनकी भी गाड़ी चलाता था। अभी कुछ दिन पहले साजिद ने विकल को बताया कि ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन आने वाला है। तब विकल ने साजिद से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का एक लाख प्रति कैंडिडेट में बात हुई और यह बात इसने डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को बताई। डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के लिए तैयार हो गया। जिनमें से इन्होंने कुछ कैंडिडेट का प्रथम स्तर का वेरिफिकेशन करा दिया था। अब दूसरे स्तर का वेरिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है। प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेना तय हुआ था। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनके पास से 18 मार्कशीट फर्जी (बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड पटना)। एक मार्कशीट फर्जी द वेस्ट बंगाल कौंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग। तीन कार और साजिद के मोबाइल में सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना व द वेस्ट बंगाल कौंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग आदि की मार्कशीट की सॉफ्ट कॉपी भी बरामद हुई है। जिनका इस्तेमाल इसी तरह प्रिंट कर फर्जी तरीके से भर्ती कराने में ये लोग करते थे।