मेडिकल ललितपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

मेडिकल ललितपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
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मेडिकल ललितपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस,

मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक रोग विभाग के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ सुनैना सूद विभागाध्यक्ष मानसिक रोग स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ललितपुरlने अपने संबोधन में इस वर्ष के थीम ” मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक अधिकार है ” पर चर्चा करते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य को इंग्लिश के TEA यानी चाय से समझा जा सकता है T यानी Thoughts यानी विचार E यानी Emotions यानी भावनाएं और A यानी Actious यानी आपका व्यवहार यह सब ठीक है सकारात्मक है तो आप मानसिक तौर से स्वस्थ हैं और यदि नहीं है तो आप मानसिक तौर से अस्वस्थ हैं उन्होंने मानसिक तौर से स्वस्थ व्यक्ति के चार लक्षण बताए हैं
1 यदि व्यक्ति अपनी काबिलियत को जानता हो 2 यदि वह हर दिन की दिक्कतों से सुलझते हुए आगे जा रहा हो 3 यदि उसमें उत्पादन क्षमता है 4 यदि वह समाज में योगदान दे पा रहा हो तो ऐसा व्यक्ति मानसिक तौर से स्वस्थ है मनो चिकित्सा के ने उनके गुना की बात की थी जिस के मन से बीमारियां नहीं हो पाती समय की माँग है कि जागरूकता बढ़ाई जाए और लोगों को मानसिक बीमारी के संकेतों और लक्षणों के बारे में शिक्षित किया जाए। इस विषय पर केवल काम काजी लोगों के बजाय सामान्य आबादी के साथ अधिक खुली बातचीत और संवाद की आवश्यकता है जो मानसिक बीमारी वाले लोगों के लिए अधिक समावेशी माहौल स्थापित करने में सहायता करेगा।

* कुमारी रामचंदनी साइकोलॉजिस्ट* ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनल्स को चाहिए कि वह मानसिक रोगी एवं उनके परिजनों को उपयुक्त सुने, सूचना दे, स्टिग्मा को दूर करें, मानसिक स्वास्थ के बार में शिक्षित करें तथा स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दे जिसमें भरपूर नींद भरपूर पौष्टिक भोजन व्यायाम योग मेडिटेशन अपने को व्यस्त रखता अपने को कामों को जारी रखना और सकारात्मक के साथ जीवन जीने के लिए बताया गया उन्होंने किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की सलाह दी है।

मुख्य अतिथि माननीय जिला न्यायाधीश श्री आलोक पराशर * द्वारा बताया गया कि । सामान्य तौर पर इंसान में मोह तीन रूप में होता है व्यक्ति, वस्तु, प्रतिष्ठा, यह तीनों सर्वदा नाश के कारण है इनमें से कोई भी स्तर नहीं है यदि हम इस विचारधारा से अलग होते हैं तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य अपने आप ठीक रहेगा*
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. द्विजेंद्र नाथ* ने बताया कि भारत में मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत कमी है परन्तु खुशी की बात है कि विगत कुछ वर्षों से हमारे कालेज के मानसिक रोग, विभाग ने इस कमी को दूर किया है एन.एम.सी/एम.सी.आई के मानकों के अनुरूप हमारे यहाँ पर्याप्त चिकित्सक एवं स्टाफ हैं। इस वर्ष से ही मानसिक रोग में एम. डी. साइकियाट्री कोर्स आरम्भ हो गया है।
डॉ आशीष अग्निहोत्री अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं एन सी डी मॉडल द्वारा अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथिगण पदाधिकारी एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डा मीनाक्षी सिंह, प्रधानाचार्य कालेज के प्रोफेसर डॉक्टर श्रुति सिंह प्रोफेसर डॉ सुनैना सूद,वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर पवन सूद ऑर्थो सर्जन एमसी गुप्ता, प्रोफेसर रवि पचौरी प्रोo विक्रम राजपूत श्री नंदलाल यादव हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर, श्री महेंद्र पटेल हेल्प डेस्क मैनेजरआदि इस अवसर पर उपस्थित रहे। हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर श्री नंदलाल यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। श्री रंजीत कुमार लेखाकार श्रीमती पारुल शिव हरे फार्मासिस्ट इत्यादि का सहयोग सराहनीय रहा।

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