हाल ए कांग्रेस-कंप्यूटर हैं लाइट नहीं, मिशन 2024 को लेकर कांग्रेस आला कमान भले ही हुंकार भर रहा हो, लेकिन मेरठ कांग्रेस की हालत तो पतली ही नजर आ रही है। जिस भवन में मेरठ कांग्रेस का कार्यालय चल रहा है, उसकी लाइट कटी हुई है। कांग्रेस आला कमान ने मेरठ कांग्रेस के लिए कंप्यूटर भेजे हैं। अरसे तक तो ये कंप्यूटर शहर कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर पड़े रहें, अब ले देकर इन कंप्यूटरों को कांग्रेस कार्यालय चंदन भवन लाया गया है, लेकिन कंप्यूटर तो भले ही आ गए हो, मगर कांग्रेस कार्यालय की लाइट बिन न भरने की वजह से पीवीएनएल ने काट दी है। हालत यह है कि कंप्यूटर तो हैं लेकिन लाइट नहीं है। बगैर लाइट ये कंप्यूटर मेरठी कांग्रेसियों की कारगुजारी पर टसुए बहा रहे हैं। कांग्रेस कार्यालय की लाइट इसलिए काट दी जाती है क्योंकि बिल नहीं भरा गया है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेरठ में कांग्रेस की क्या हालत है। साल 1857 में जिस मेरठ की धरती से गोरी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका गया था और पूरा स्वतंत्रता आंदोलन कांग्रेस के ईदगिर्द घूम रहा था, उस मेरठ में कांग्रेस की क्या हालत कर दी गयी है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह तो हुई कांग्रेस कार्यालय की लाइट कट जाने की बात । अब बात करते हैं कुछ दिन पहले राजीव गांधी की पुण्यतिथि हुई थी, सुनने में आया है कि उसके लिए दो सौ रुपए की माला आयी थीं, वो भी तब आयी जब दो कांग्रेसियोंने सौ-सौ रुपए मिलाए। यह सुनने में आया है इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। सुनने में आया है तो बात सच ही होगी। कुछ ऐसा ही कांग्रेस कार्यालय की देखभाल करने वाले एक कांग्रेसी की सेलरी को लेकर भी तमाम तरह की बातें सुनने में आ रही हैं। बताया जाता है कि सेलरी का करीब एक लाख रुपया बकाया है। विधानसभा चुनाव मे आला कमान ने सातों प्रत्याशियों के लिए खजाना खोल दिया था, लेकिन इनमें से एक भी ऐसा नहीं जो कांग्रेस कार्यालय की लाइट जुडवा दें।