जंतर मंतर पर शालिनी की गर्जना, प्रदेश अध्यक्ष जनसंख्या समाधान फाउंडेशन शालिनी अग्रवाल दिल्ली के जंतर मंतर पर जमकर गरजी। उन्होंने उन लोगों को कड़ी फटकार भी लगायी जो जनसंख्या की समस्या को हिन्दू मुसलमान के चश्मे से देखते हैं। उन्होंने कहा कि आप भले ही जनसंख्या की समस्या जो भारत की गरीब का मूल कारण हैं उसे सांप्रदायिक चश्मे से देखते रहें, लेकिन महंगाई किसी भी भारतीय को धर्म या मजहब के चश्मे से नहीं देखती। आटा यदि सौ रुपए किलो होगा तो हिन्दू हो या मुस्लिम अथवा सिख हो या इसाई सभी को सौ रुपए किलाे ही खरीदना होगा। उन्होंने सवाल किया कि आज पेट्रोल डीजल के रेट लगभग सौ या उससे अधिक हैं तो क्या ये धर्म के आधार पर सभी के लिए अगल-अलग निर्धारित किए गए हैं। जब महंगाई या देश की निर्धनता हमें सांप्रदायिकता के चश्मे से नहीं देख रही है तो फिर हम जनसंख्या विस्फोट को क्यों धर्म की चादर में लपेटने पर तुले हुए हैं। उन्होंने शालिनी अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि बगैर किसी देरी के जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाना चाहिए। जो इसका विरोध करे देश की जनता को ऐसे नेताओं को नकार देना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनने में जितनी अधिक देरी होगी देश उतने ही विस्फोटक स्थिति तक पहुंचता जा रहा है। इस जवलंत मुददे पर जंतर मंतर पर अनेक संगठनों ने विरोध व मौन का आयोजन किया था। मेरठ से शालिनी अग्रवाल ने बताया कि देश भर से जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के पांच सौ से ज्यादा सदस्य दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचे थे। सभी लोग संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलंदशहर की सावित्री जी के नेतृत्व में वहां जमा हुए थे। शालिनी अग्रवाल की यदि बात की जाए तो मेरठ या प्रदेश के वैश्य समाज ही नहीं अन्य संगठनों खासतौर से महिला संगठनों के लिए उनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। सामाजिक ही नहीं वह धार्मिक आयोजनों में भी खासी दखल रखती हैं। तमाम बड़े धार्मिक आयोजनों से शालिनी अग्रवाल का नाम जुड़ा है।