CCSU में प्रेमचंद जयंती पर गोष्ठी, सीसीएसयू मेरठ के हिंदी विभाग में मुंशी प्रेमचंद उपान्यासकार की जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता करते हुए संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग प्रो॰ नवीन चंद लोहनी ने की। उन्होंने कहा कि यदि आज प्रेमचंद लिख रहे होते तो उनके पात्रों के नाम बदल जाते उनकी कहानियाँ वही रहती। डॉ॰ आरती राणा कहा कि प्रेमचंद ने अपने लेखन की शुरूआत उर्दू से की। उनकी कहानियों में घरेलू जीवन से लेकर राष्ट्रीय आंदोलन तक के विषय समाहित हैं। जब तक हमारे समाज में ये समस्याऐं रहेगी तब तक प्रेमचंद हमारे समाज के लिए प्रासंगिक रहेंगे। डॉ॰ अंजू ने कहा कि प्रेमचंद ने बहुत सशक्त स्त्री पात्र गढे हैं। स्त्री पात्रों में व्यक्तित्व की कमजोरी नहीं दिखती है। जैसे बुधिया, मालती आदि पात्रों में प्रेमचंद भारतीय परम्पराओं और आदर्शो को जीवित रखते है। डॉ॰ प्रवीण कटारिया ने कहा कि प्रेमचंद एक युग है। वे अनेक विशर्मो के केन्द्र बिन्दु है उनकी ईदगार बाल मनोविज्ञान की दृष्टि से विशिष्ट है जो बालक अपनी अवस्था को भूलकर अपनी दादी के लिए चिंतित है उनकी कहानी मंत्र का पात्र भगत मानवता में विश्वास करता है। डॉ॰ यज्ञेश कुमार ने कहा कि प्रेमचंद एक ऐसे साहित्यकार थे जो केवल किताबों तक ही सीमित नही रहे। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज से सीधे जुडते हैं। उन्होने तत्कालीन समय की समस्यायों को कलम के माध्यम से अभिव्यक्त किया। डॉ॰ विद्यासागर सिंह ने कहा कि प्रेमचंद पर कई विचारधाराओं का प्रभाव है। वे गोदान मे गोबर, झुनिया के जितना को जितना महत्व दिया है उतना ही स्थान उन्होने मेहता मालती आदि को भी दिया है। प्रेमचंद ने दलित व स्त्री के पक्ष में अपने साहित्य द्वारा क्रांतिकारी कदम उठाया। विनय कुमार ने कहा कि प्रेमचंद एक महान साहित्यकार है। जिन्होने अपने साहित्य में किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। धन्यवाद ज्ञापित शोधार्थी पूजा ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन शोधर्थी पूजा यादव ने किया। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थी दीपा रानी, सृष्टि और शुभम आदि उपस्थित रहें।