नई दिल्ली/ मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अलग होने व राजनीति को अलविदा के एलन मस्क के फैसले से बाजार में उनकी कंपनी के शेयरों में एकाएक उछाल है। दरअसल इन्वेस्टर्स का मानना है कि अब मस्क कारोबार पर बेहतर तरीके से ध्यान दे सकेंगे। दुनिया के बाजारों में एलन मस्क को लेकर यह धारणा बन गयी है कि जब से वो ट्रंप के साथ उनके चुनाव में लगे तब से कारोबार पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहे हैं जितना ध्यान उन्हें देना चाहिए। रही सही कसर ट्रंप सरकार में मंत्री बनकर पूरी कर दी। अब जब एलन मस्क ट्रंप से किनारा कर चुके हैं तो इन्वेस्टर्स ने राहत की सांस ली है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अभी इसका नफा-नुकसान सोचना जल्दबाजी होगी। उनका कहना है कि वेट एंड वॉच का वक्त है। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि हालांकि हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मस्क के टकराव और व्हाइट हाउस के राज़ सार्वजनिक तौर पर खोलने के बाद ऐसा लगता है कि मस्क की बदली हुई प्राथमिकताएं उन्हें उतनी राहत नहीं देंगी जितनी वो उम्मीद कर रहे थे। अब उन्हें अपने प्रमुख ग्राहकों में से एक अमेरिकी (संघीय) सरकार से ही बहिष्कार की धमकी मिल रही है। इसके पीछे ट्रंप फैक्टर काम करने की बात कही जा रही है।
यह भी खबर है कि ट्रंप की तरफ से मस्क की कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने की धमकी देने के बाद टेस्ला सीईओ ने भी कई पलटवार किए। सबसे ज्यादा ध्यान मस्क की एपस्टीन फाइल वाली पोस्ट ने खींचा। इस पोस्ट में मस्क ने आरोप लगाया था कि एपस्टीन फाइल्स में डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम है, इसलिए उसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। हालांकि अब मस्क ने अपनी वह पोस्ट डिलीट कर दी है।
यूक्रेन बना रूस के लिए मौत का देवता
आंखों में खटका करती थी सना यूसुफ