विरोध में गरजे कांग्रेसी

kabir Sharma
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मेरठ। उत्तर प्रदेश सरकार के स्कूल विलय के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का जोरदार विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 5000 प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के एकतरफा विलय/बंद करने के निर्णय के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रंजन शर्मा एवं पूर्व ज़िला अध्यक्ष व एआईसीसी सदस्य अवनीश काजला, पूर्व महानगर अध्यक्ष जाहिद अंसारी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता चौधरी चरण सिंह पार्क पर एकत्र हुए और नारेबाज़ी करते हुए मंडलायुक्त कार्यालय (कमिश्नरी) पहुंचे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला कॉर्डिनेटर विशाल वशिष्ठ भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने गेट पर चढ़कर विरोध दर्ज कराया, जहां पुलिस के साथ हल्की धक्का-मुक्की और नोकझोंक भी देखने को मिली। कार्यकर्ताओं में प्रदेश सरकार के इस निर्णय को लेकर भारी आक्रोश था संबंधित मांगो का ज्ञापन एडीएम सिटी को दिया। जीआईएस सर्वे को लेकर आम जनता पर पड़ रही मार को लेकर कमिश्नर से मेरठ महानगर कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर इसे लागू नहीं करने को लेकर ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस की प्रमुख आपत्तियाँ:

  1. छोटे बच्चों की शिक्षा खतरे में:
    स्कूलों का विलय होने से बच्चों को दूर-दराज़ गांवों में जाना पड़ेगा, जिससे उनकी सुरक्षा, उपस्थिति और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
  2. मिड-डे मील कर्मचारियों की आजीविका संकट में:
    विद्यालय बंद होने से रसोइयों व सहायकों की नौकरी चली जाएगी, जिससे गरीब परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है।
  3. शिक्षित युवाओं के लिए अवसरों की समाप्ति:
    बी.एड व डी.एल.एड डिग्रीधारी लाखों युवा शिक्षक भर्ती की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन स्कूल कम होने से उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
  4. शिक्षा के विकेंद्रीकरण पर चोट:
    ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रॉपआउट दर बढ़ने की संभावना है, जिससे बाल श्रम जैसी समस्याएं भी पुनः उभर सकती हैं।

कांग्रेस की माँगें:

उत्तर प्रदेश सरकार तत्काल इस जनविरोधी निर्णय को रद्द करें, सभी विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक नियुक्त किए जाएं और अधोसंरचना में सुधार किया जाए। मिड-डे मील से जुड़े कर्मचारियों की नौकरी की गारंटी सुनिश्चित की जाए। गांव-गांव में विद्यालयों की उपस्थिति बरकरार रखी जाए, जिससे शिक्षा सुलभ बनी रहे।

    महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा ने कहा:
    “सरकार का यह निर्णय शिक्षा का निजीकरण बढ़ाने और ग्रामीण गरीब तबके को अंधकार की ओर धकेलने का प्रयास है। यदि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।” पूर्व जिला अध्यक्ष अवनीश काजला ने कहा:
    “स्कूलों को बंद करना न केवल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है, बल्कि शिक्षकों और कर्मचारियों की आजीविका भी छीनने जैसा है। कांग्रेस इस अन्यायपूर्ण निर्णय के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष करेगी।” विरोध प्रदर्शन मे रंजन शर्मा अध्यक्ष, महानगर कांग्रेस कमेटी अवनीश काजला सदस्य, जिला समन्वयक विशाल वशिष्ठ, AICC एवं पूर्व ज़िला अध्यक्ष जाहिद अंसारी पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रवक्ता हरीकिशन वर्मा अंबेडकर डॉ. अशोक आर्य, सलीम ख़ान, सतीश शर्मा , मोनिंदर सूद वाल्मीकि,विनोद सोनकर,चौधरी यशपाल, तेजपाल डाबका, रीना शर्मा , समसुद्दीन चौधरी, संजय कटारिया , दिनेश उपाध्याय, ओंकार शर्मा , राजेंद्र जाटव ,कमल जायसवाल , राकेश गुप्ता, राजू महरौल , अनिल अरोड़ा ,नसीम राजपूत, अल्तमस त्यागी , हमजा खान, नरेश चौधरी, यूसुफ अंसारी, इकरामुद्दीन अंसारी , इमरान अख्तर, अजय चौधरी , बबली देवी , संजय वर्मा , दिनेश चौधरी , सरताज चौधरी , शाहबाज अली, मैनुद्दीन चौधरी, सोनम रानी, मुद्दबिर अली ,सुशील सैनी, एड तनवीर इलाही, नईम राणा,राहत चौहान, अरुण शर्मा , फिरोज चौधरी , कामिल लावड़, रोहित गुर्जर पांचली, मनोज चौहान कुराली , निसार अहमद, श्रीप्रकाश त्यागी , सलीम पठान , अल्तमस त्यागी, सुमित विकल , संजय वर्मा , शोएब साबरी ,आरिफ मुंडाली, मतीन अंसारी, आशुतोष अग्रवाल , राशिद खान , सुरेंद्र शर्मा,मैनुद्दीन चौधरी , रमाकांत शर्मा, यासिर सैफी, हरीश त्यागी,राकेश मिश्रा , मुकेश पालीवाल, योगेंद्र कुशवाहा, केडी शर्मा, मुस्तकीम चौहान , दुष्यंत सागर,फरहान अली,इकराम अंसारी, विनोद शर्मा, डॉ इकबाल , सुशांत शर्मा, पीयूष रस्तोगी, हाजी इशरत, सुरेंद्र शर्मा, फुरकान अंसारी , राजू यादव , पंकज चौधरी, विनायक वशिष्ठ, नौशाद सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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    कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल महोदया के नाम का ज्ञापन एडीएम सिटी मेरठ को सौंपते हुए राज्यपाल से आग्रह किया कि इस जनविरोधी निर्णय को तत्काल रद्द कराने के निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिए जाएं, अन्यथा कांग्रेस राज्यव्यापी आंदोलन को तेज़ करेगी।

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