शानदार स्वागत से गदगद नजर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमीर खान मुत्तकी, किया शुक्रिया, बोले घर जैसा है भारत, मुत्तकी दौरा ए हदीस (अरबी फाइनल इयर की कक्षा) में छात्रों के साथ बैठकर मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी द्वारा पढ़ाए जाने वाले सबक को भी सुना
नई दिल्ली/दारूल उमूल। तालिबान और भारत के बीच लिखी जा रही दोस्ती की इबारत पर पूरी दुनिया की नजर है। दोस्ती के इस सफर से सबसे ज्यादा परेशान पाकिस्तान, चीन और अमेरिका नजर आ रहे हैं, हालांकि अभी कोई खुलकर कुछ नहीं बाेल रहा है। वहीं दूसरी ओर देवबंद के दारूल उलूम पहुंचे अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का शानदार स्वागत किया गया। इस स्वागत की खुशी उनके चेहरे से भी झलक रही थी। उन्होंने इसके लिए शुक्रिया अदा किया। इससे पहले दारूल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम ने मौलाना नेमतुल्लाह आजमी, मुफ्ती मोहम्मद अमीन पालनपुरी, मौलाना मुजीबुल्लाह गोंडवी, मुफ्ती यूसुफ तावली, मुफ्ती खुर्शीद गयावी, मौलाना अब्दुल्लाह मारूफी, मौलाना नसीम बारहबंकी, मौलाना शौकत बस्तवी, मौलाना अफजल कैमूरी, मौलाना सलमान बिजनौरी, मौलाना खिजर कश्मीरी, मौलाना मुनीरुद्दीन, मौलाना हुसैन अहमद, मौलाना साजिद और मौलाना आरिफ जमील को मुत्तकी की अगुवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी। यहां पहुंचने पर आमीर खान मुत्तकी जितने उत्साहित नजर आए उतना ही उत्साहित केवल दारूल उलूम ही नहीं पूरा देवबंद भी नजर आया। तमाम लोग उनके करीब जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से इसकी इजाजत नहीं दी गयी।
तालिबान से पाकिस्तान की अदावत
फगानिस्तान की पाकिस्तान के साथ अदावत यानि दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। अफगानी विदेश मंत्री के भारत दौरे के दौरान भी पाकिस्तानी फौज ने अफगान के सीमावर्ती इलाकों पर हमला भी किया। इसको लेकर अफगानी विदेश मंत्री ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी और यह भी साफ कर दिया कि अफगानिस्तान की भूमि वह किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे। उनका देश किसी भी ताकत को अपनी जमीन नहीं सौंपेगा। उनका यह बयान अमेरिका के संदर्भ में देखा जा रहा है।