नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर ऊंगली उठाने वाले हो रहे ट्रोल, सोशल मीडिया पर बिकाऊ कर रहा ट्रेंड, बुरे फंस गए चिट्टी लिखने वाले
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चिट्टी खिखने वाले सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल हो रहे हैं। उनका बिकाऊ और तन्खैया बताया जा रहा है। जिस चुनाव आयोग के बचाव में ये कथित बुद्धिजीवी उतरे थे वो भी इनके लिए कुछ नहीं का पा रहा है। लोगों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर को टिकट चाहिए। कुछ लोगों ने इन्हें राज्यसभा की कतार में खड़ा तक बता दिया। ट्रेंडिंग स्टेट्स: X पर 20 नवंबर से 10,000+ पोस्ट्स, ज्यादातर लेटेस्ट मोड में। BJP साइड से काउंटर: “राहुल हिस्ट्री गलत पढ़ाते हैं, ट्रोल्स सही हैं।”
अब फंस गए हैं उल्टे हो रही फजीहत
राहुल गांधी को चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर लिखे गए खुले पत्र ने अब उल्टा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। 272 रिटायर्ड जजों, ब्यूरोक्रेट्स, आर्मी अफसरों और राजदूतों के हस्ताक्षर वाले इस पत्र को “संस्थाओं पर हमला” बताकर राहुल की आलोचना की गई थी, लेकिन अब सोशल मीडिया यूजर्स इन्हें “बिकाऊ” और “मोदी भक्तों का गिरोह” बता रहे हैं। X (पूर्व ट्विटर) पर #BikauGang, #VoteChori और #RahulKiLadai जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां यूजर्स सवाल उठा रहे हैं – “ये प्रतिष्ठित कहां से बने? लड़कियों पर फूहड़ कमेंट करने वाले भी शामिल?” क्या ये लोग सरकार के पैसे पर चल रहे हैं? पूरी स्टोरी के साथ जानिए सोशल मीडिया का रिएक्शन!
भाजपा को बचाते-बचाते खुद जा फंसे
चिट्टी लिखने वालों को चुनाव आयोग के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाई कुरैशी ने लगभग लताड़ लगा दी है। इनको लेकर कहा जा रहा है कि भाजपा को बचाने के चक्कर में अपनी फजीहत करा बैठे हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि “सबूत हैं, लेकिन ECI ने छिपाए।” कांग्रेस ने इसे “BJP का प्रोपगैंडा” बताया, जबकि BJP ने इसे “राहुल का हल्ला” करार दिया।
बिकाऊ टैंग कर रहा ट्रेंड
X पर यूजर्स ने पत्र को “सवर्णों का साजिशी क्लब” बता दिया, जहां 99% हस्ताक्षर सवर्णों के बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ा खुलासा: हस्ताक्षरकर्ताओं में योगेश गुप्ता का नाम! एक पोस्ट में लिखा, “ये बूढ़ापे में लड़कियों की तस्वीरों पर फूहड़ कमेंट करने वाले हैं। ऐसे ‘प्रतिष्ठित’ मोदी भक्तों को पत्र लिखने दो?” कई यूजर्स ने स्क्रीनशॉट शेयर कर अकाउंट डिलीट होने का दावा किया। एक यूजर ने लिखा: “ये 272 लोग सरकार से पेंशन लेते हैं, इसलिए बिके हुए। राहुल की ‘वोट चोरी’ पर सवाल क्यों नहीं?” दूसरे ने जोड़ा, “रॉ के पूर्व अफसर भी शामिल – इंटेलिजेंस फेल होने पर चुप, राहुल पर हमला?” ट्रोल्स में मीम्स भी वायरल: एक में पत्र को “मोदी का थैंक्यू नोट” दिखाया गया। काउंटर-पोस्ट: एक यूजर ने राहुल को “योद्धा” बताते हुए लिखा, “ED, CBI, घर छीनने के बावजूद विचारधारा नहीं छोड़ी। ये ट्रोल्स BJP की मशीन हैं।” एक और पोस्ट में कहा, “राहुल को खत लिखने वाले खुद NGO चलाते हैं, राजनीति नहीं।”