देश भर में कांग्रेसी करेंगे विरोध प्रदर्शन, साल 2012 से मामला लेकिन कोई सबूत नहीं, कोर्ट के आदेश के बाद बैंकफुट पर प्रवर्तन निदेशालय
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रतिशोध की पराजय हुई है। राजनीतिक हलकों में यह मामला चर्चा में है, वहीं दूसरी ओर भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही हे। माना जा रहा है कि कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा अब कोई नया चाल चलेगी। दरअसल दिल्ली की एक विशेष अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है, जिससे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने ED की शिकायत को स्वीकार्य नहीं माना और इसे खारिज कर दिया, जिसे कांग्रेस ने मोदी सरकार की “राजनीतिक प्रतिशोध” की नीति पर करारा झटका बताया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि BJP का “सोनिया-राहुल प्लान” पूरी तरह फेल हो गया है, जबकि BJP ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ED की चार्जशीट में पर्याप्त आधार नहीं
मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जज (पीसी एक्ट) विशाल गोगने के समक्ष हुई, जहां अदालत ने कहा कि ED की चार्जशीट में पर्याप्त आधार नहीं है। इस फैसले को कांग्रेस ने “सत्य की जीत” करार दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह फैसला मोदी सरकार की अवैधता को उजागर करता है। BJP की राजनीतिक साजिश बेनकाब हो गई है, जो गांधी परिवार को फंसाने की कोशिश कर रही थी।” उन्होंने आगे कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में दर्ज FIR, जो “मोदी-शाह की राजनीतिक दुर्भावना से उपजा” था, अब पूरी तरह से रद्द हो गया है।
अब ED से निपटेगी कांग्रेस
नेशनल हेराल्ड मामला 2012 से चला आ रहा है, जिसमें गांधी परिवार पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों को हड़पने का आरोप लगाया गया था। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी, लेकिन अदालत ने इसे मान्य नहीं ठहराया। इस बीच, कांग्रेस ने ED की कार्रवाई के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी के समर्थन में रैलियां शामिल हैं।
भाजपा प्रवक्ताओं ने साधा मौन
BJP की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला विपक्ष को मजबूत कर सकता है, खासकर लोकसभा चुनावों के करीब आते हुए। कांग्रेस ने इसे “BJP की प्रतिशोध की राजनीति पर अदालत की फटकार” बताया है। मामले में अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन गांधी परिवार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। वहीं दूसरी ओर घटनाक्रम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां एक तरफ कांग्रेस इसे अपनी जीत बता रही है, वहीं BJP को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत पड़ सकती है।