CCSU में ग्लोबल वार्मिग पर वार्निंग

CCSU में ग्लोबल वार्मिग पर वार्निंग
Share

CCSU में ग्लोबल वार्मिग पर वार्निंग, यदि हमने पर्यावरण के सरंक्षण पर ध्यान नहीं दिया और पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए उपाय नहीं किए तो मानव सभ्यता के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो सकता है। शनिवार को यह बात विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर मेरठ के CCSU तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में पर्यावरण सरंक्षण पर एक व्याख्यान का आयोजन के दौरान वनस्पति विज्ञान के शिक्षक डॉ0 अशोक ने कही। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन को जिस प्रकार से गाय और भैंस खा रही है उनकी जान को भी खतरा पैदा हो रहा है। एक अध्ययन से यह पता चला है कि मछलियों का सेवन भी हानिकारक हो रहा है, क्योंकि उनमें प्लास्टिक और पॉलीथिन के अपशिष्ट मिल रहे हैं।  जिस तरीके से जल की बरबादी हो रही है वह भी चिंता का विषय है। भारत विश्व के 2,4 जमीनी हिस्से से पर स्थित है। जबकि जल की मात्रा हमारे पास 4 प्रतिशत है। जनसंख्या के दृष्टिकोण से हमारी 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। । जिस तरीके से हाईवे को बनाने के लिए पेडों का कटान किया जा रहा है, उससे स्थिति और गंभीर हो गई है। पेडों के कटान से जहां तापमान में वृद्धि हो रही है ग्लेशियर  पिघल रहा है। जिस कारण से अचानक बाढ और तूफान हम सभी के लिए खतरा बन रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से ओजोन की परत को नुकसान हो रहा है, जिससे पराबैंगनी किरणें हम लोगों तक सीधे पहुंच रही हैं। जिससे स्किन कैंसर की बीमारी का खतरा बढता जा रहा है। वर्तमान में आवश्यकता हैं पेडों को लगाने। जिससे ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि हो सके और वातावरण में शुद्ध वायु हमें मिल सके। यदि हमें शुद्ध वायु मिलेगी तो अस्थमा या अन्य फेफडों की बीमारियों से बचा जा सके। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थी सावन कुमार ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 मनोज कुमार श्रीवास्तव ने किया। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो0 प्रशांत कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अजय मित्तल, लव कुमार अमरीश पाठक आदि मौजूद रहे।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *