सीडी न बन जाए अफसरों की मुसीबत

सीडी न बन जाए अफसरों की मुसीबत
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सीडी न बन जाए अफसरों की मुसीबत, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक सीडी मेरठ मंडल के खाद्यान विभाग के उच्च पदस्थ अफसरों के लिए मुसीबत बन सकती है। जिन अफसरों को लेकर सीडी वायरल हो रही है उनमें एक बड़ी महिला अफसर भी हैं शासन ने जिनको फूड की जिम्मेदारी से मुक्त कर पावर में भेज दिया है। यह सीडी सबूत के साथ 12 जून को आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन को सौंपी गयी है। साथ ही मांग की गयी है कि इसकी फारेंसिक जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। इस पूरे मामले का खुलासा सजग प्रहरी के कुलदीप शर्मा मेरठ ने लखनऊ जाकर आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन के समक्ष साक्ष्यों के साथ दिए गए एक शिकायती पत्र के जरिये किया है। बकौल कुलदीप शर्मा इस सीडी में कई सनसनी खेज बातों से पर्दा उठा है। उन्होंने यहां तक कहा कि कई बातें इसमें बेहदआपत्तिजनक भी हैं जो शासन की सेवा नियमावली का भी गंभीर उल्लंघन हैं। कुलदीप शर्मा काे यह सीडी बतौर साक्ष्य रमेश चंद पुत्र राम सिंह डिवाई मोहल्ला महादेव बुलंदशहर ने साक्ष्यों के साथ उपलब्ध करायी। इसको देखने के बाद ही आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन से मामले को एक की मार्फत अवगत कराया।

कुल 11 वीडियो सभी आपत्तिजक

आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन तक इस मामले को ले जाने वाले कुलदीप शर्मा ने बताया कि इस सीडी में कुल 11 वीडियो हैं सभी बेहद आपत्तिजनक हैं। आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन को प्रेषित पत्र में उन्होंने कहा है कि एक वीडियो में जिला खाद्य विपणन अधिकारी जेया करीम और राहुल गौड कनिष्ठ सहायक से अति गोपनीय सूचनाओं का वाट्सअप के माध्यम से आदान-प्रदान करने की चैटिंग दिखी जा सकती है। जैसे टेंडरों के लेनदेन में घुमा फिराकर वार्ता, डीएम बुलंदशहर एवं एडीएम बुलंदशहर से हस्ताक्षर कराए जाने वाले पत्रों को राहुल गौड को भेजा जाना, जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री के नाम पर अवैध उगाही/मासिक वसूली जैसे संवेदनशील प्रकरण में कथित मुख्य आरोपी राहुल गौड को सूचनाएं प्रेषित करना। राहुल गौड के अनुरूप ही कार्यवाही करना आपत्तिजनक पाया गया है।

महिला अफसर का पत्र में उल्लेख

आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन को जांच कराए जाने के लिए जो पत्र कुलदीप शर्मा ने सौंपा है उसमें मेरठ की एक बड़ी महिला अफसर का भी जिक्र है। आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन को अवगत कराया गया है कि तत्कालीन अपर आयुक्त और संभागीय खाद्य नियंत्रक मेरठ द्वारा जिला खाद्य विपणन अधिकारी बुलंदशहर जेया करीम से वाट्सअप पर सुमित शर्मा कनिष्ठ सहायक पर एससी/एसटी एक्ट लगाने तथा सेफ जोन खेलते हुए मौका मिलने पर सुमित शर्मा पर हमला करने की वार्ता की जा रही है, जो उच्चाधिकारी व कर्मचारियों द्वारा अपने ही विभाग कर्मचारी के प्रति साजिश सरीखा नजर आता है, इसलिए जांच जरूरी हो जाती है। पत्र में आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन मांग की गयी है कि सुमित शर्मा को लेकर जो कुछ वायरल सीडी में नजर आ रहा है उसकी जांच किसी स्वतंत्र ऐजेन्सी से कराया जाना अनिवार्य है।

जातिगत आधार पर वाट्सअप ग्रुप

आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन को दिए गए पत्र में सबसे ज्यादा आपत्ति जातिगत आधार पर बनाए गए वाट्सअपर ग्रुप की जांच व उससे जुड़े अफसरों की भूमिका की भी फारेसिंक जांच कराए जाने की मांग की गयी है। जातिगत आधार पर बनाए गए वाट्सअप ग्रुप की जांच को एसआईटी का गठन किए जाने की मांग भी आयुक्त खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश शासन से की गयी है। कुलदीप शर्मा ने पत्र में कहा है कि क्योंकि यह प्रथम दृष्टया सरकारी योजनाएं जो प्रधानमंत्री के नाम से संचालित हैं, में कथिततौर पर भ्रष्टाचार व कुछ कर्मचारियों को लक्षित कर उनके खिलाफ अपराधिक षडयंत्र नजर आता प्रतीत होता है। इसीलिए पूरे प्रकरण की जांच अनिवार्य है। साथ ही दोषियों के खिलाफ अपराधिक मुकदमों की जरूरत पर भी बल दिया गया है।

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