CJI गवई की सुप्रीम उदारता

kabir Sharma
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नई दिल्ली। CJI की कोर्ट में जो कुछ हुआ उसकी निंदा करने के लिए शब्दों का भारी अकाल है, लेकिन शर्मसार करने वाले इस घटना के बाद CJI की सुप्रीम उदारता को एक वाक्य की माला में पिरोने के लिए भी शब्दों की भारी कमी है। कोई कितना नीच हो सकता है और कोई कितना उदार हो सकता है यह बात CJI की सुप्रीम उदारता ने समझा दी। CJI ने यह धृष्टता करने वाले को ना केवल माफ किया बल्कि पुलिस से भी कहा कि उसको छोड़ दिया जाए। CJI की सुप्रीम उदारता को पूरा देश नतमस्तक होकर प्रणाम कर रहा है और जिस दुष्ट ने यह कृत्य किया उसकी देश भर में थू-थू हो रही है। राकेश किशोर नाम के जिस दुष्ट ने यह शर्मसार करने वाला कृत्य किया उसने अपनी उम्र की भी शर्म नहीं की। अपने परिवार व रिश्तेदारों की भी शर्म नहीं की। उसने सभी को शर्मसार किया है।

सोनिया गांधी ने की कड़ी निंदा

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार (6 सितंबर 2025) को कहा कि चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई पर हमला सिर्फ उनपर नहीं, बल्कि संविधान पर भी हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय चीफ जस्टिस पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। यह न केवल उनपर (सीजेआई पर), बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है।’’ ‘‘चीफ जस्टिस गवई बहुत सहृदय हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए.’’ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय एक वकील ने CJI गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने की कोशिश की.

घटना के बाद सीजीआई ने अपना संयम बनाए रखा और अदालत कक्ष में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया। आरोपी वकील की पहचान बाद में मयूर विहार निवासी राकेश किशोर (71) के रूप में की गयी. वह मंच के पास पहुंचा, अपना जूता निकाला और उसे जस्टिस की ओर उछालने का प्रयास किया।

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