हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम, सर्दी का मौसम दिल के मरीजों के लिए छिपा खतरा लेकर है आता, ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं
नई दिल्ली। सर्दी दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है क्योंकि ठंडा मौसम रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर दबाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, कम शारीरिक गतिविधि, अस्वास्थ्यकर खानपान, और हवा में प्रदूषण के कारण दिल के दौरे और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी का मौसम दिल के मरीजों के लिए जहर के सामन है। दिल के मरीजों के लिए यह छिपा हुआ खतरा लेकर आता है। जब तक इसके बारे में पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है, इसलिए विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि सर्दी में दिल के मरीजों को लेकर उनके परिजन खास सावधानी बरतें अन्यथा कुछ भी बुरा हो सकता है। इस मौसम में खतरा पचास फीसदी तक बढ़ जाता है।
सिकुड जाती हैं रक्त वाहिकाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम 30 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डॉ. राजेश कुमार, एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया, “सर्दी में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, खून गाढ़ा हो जाता है और थक्के बनने का खतरा हो जाता है।” एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा गर्मियों की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक होता है। विशेष रूप से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या मोटापे से जूझ रहे मरीजों में यह जोखिम 30 गुना तक बढ़ सकता है।
ये बीमारिया दिल के मरीज के लिए घातक
इसके अलावा, सर्दियों में फ्लू और इंफेक्शन का प्रकोप बढ़ जाता है, जो हृदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, ठंडी हवा से धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में पिछले हफ्ते दर्ज किए गए 20 प्रतिशत मामलों में सर्दी से जुड़े हार्ट अटैक शामिल थे, जहां मरीजों ने ठंडे मौसम में बाहर व्यायाम या बर्फ हटाने जैसे कामों के दौरान दिक्कत महसूस की।
विशेषज्ञों ने किया युवाओं को सावधान
युवाओं पर भी साया पहले जहां हार्ट प्रॉब्लम्स को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, अब युवाओं में भी यह बढ़ रही है। डॉ. अनीता शर्मा, फोर्टिस हॉस्पिटल की हृदय विशेषज्ञ कहती हैं, “सर्दियों में तनाव, अनियमित खानपान और कम शारीरिक गतिविधि से युवाओं में हार्ट अटैक के केस 20 प्रतिशत बढ़ गए हैं।” एक अध्ययन में पाया गया कि सर्दी में वेंट्रिकुलर अरिदमिया (धड़कन की अनियमितता) का खतरा भी बढ़ जाता है।
ये करें दिल के मरीज
सतर्कता ही सुरक्षा सर्दी का मौसम दिल के मरीजों के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सही सावधानियों से इसे पार किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी अलर्ट जारी किया है कि हाई रिस्क वाले मरीज डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें, लक्षण जैसे सीने में दर्द, सांस फूलना या ठंडा पसीना आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इस मौसम में दिल को गर्म रखने का मतलब है जिंदगी को सुरक्षित रखना।