कांग्रेसी चुप नहीं बैठने वाले

kabir Sharma
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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली दरों पर सुनवाई के बीच विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों में करीब 30 प्रतिशत वृद्धि का जो प्रस्ताव दाखिल किया है, वह जनता कि कमर तोड़ने वाला कदम है। 35 से 45 प्रतिशत तक वृद्धि ग्रामीण व शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में प्रस्तावित की गई है।
जबकि पावर कारपोरेशन ने निजीकरण पर नियामक आयोग का अभिमत हासिल करने का प्रस्ताव भी आयोग में दाखिल कर दिया है, ऐसे में यह प्रस्तावित वृद्धि अपने व्यापारी को फायदा पहुंचाने का सरकार का रास्ता हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली दरों में इतनी अधिक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। सबसे अधिक 40 से 45 प्रतिशत की वृद्धि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में प्रस्तावित की गई है। शहरी घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 35 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित की गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नियामक आयोग मे बिजली के नये कनेक्शन की दरों में भी 30 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित की है।
बिजली दरों में वृद्धि प्रस्तावित करना यह सवाल खड़े करता है कि जब सरकार निजीकरण कर रही, ऐसे में अब श्रेणीवार बिजली दरों में वृद्धि प्रस्तावित किया जाना असंवैधानिक है। पूर्व में भी एक बार ऐसा हुआ था। तब आयोग ने उपभोक्ता परिषद की आपत्ति पर बीच में आए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। महानगर कांग्रेस को नियामक आयोग अपेक्षा है कि वह इस मामले संवैधानिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले।
महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा व पार्टी प्रवक्ता हरिकिशन अम्बेडकर ने कहा कि पावर कारपोरेशन द्वारा अब बिजली दरों में 30 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित करना यूपी में ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे बड़ी वे बढ़ोतरी है।

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