शहर सराफा, नील की गली, खैरनगर, बुढानागेट समेत पूरे शहर का यही हाल
मेरठ/ महानगर के शहर सराफा समेत कई इलाकों में मोहाल की मक्खी की मानिंद बिजली के तारों के झुंड के रूप में लोगों के सिर पर मौत झूल रही है। हां इतना जरूर है की शहर सराफा बाजार, खैरनगर, बैली बाजार, कोटला बाजार में यह बेहद खतरनाक स्थिति में है। कई इलाकों उक्त इलाकों में कुछ स्थानों पर मौत और इंसान के बीच एक हाथ भर का फांसला है। ऐसा नहीं कि बिजली का स्टाफ इससे अंजान है, बिजली कर्मचारी इससे अच्छी तरह वाकिफ है, लेकिन यह ऐसा मसला है जो बिजली कर्मचारियों के बूते से बाहर है। यह मसला तभी हल हो सकता है जब पीवीवीएनएल के आला अफसर इस ओर नजरे इनायत करें। वर्ना सिर पर तारों के रूप में तो मौत झूल ही रही है, इसमें तो कोई दो राय है ही नहीं।
सराफा बाजार में, विशेष रूप से नील की गली में, बिजली के तारों का एक बहुत ही खतरनाक जाल फैला हुआ है। जर्जर हो चुके तार जो साक्षात मौत सरीखे हैं, मामूली से हादसे में मौत बन कर ना जाने कितनों की जान ले लेंगे किसी को कोई अंदाजा नहीं है। शहर के सराफा बाजार, जो करोड़ों रुपये का कारोबार करता है, में सुविधाओं की बेइंतहा कमी है और तारों के झुंड के रूप में सिर पर लटकी ये मौत मुसीबत बनी हुई है।
नील की गली में हालात बेहद नाजुक
पुराने सराफा बाजार नील की गली में आए दिन इन तारों में लोड के चलते आग लगती रहती है। जिसमें कई बार बड़े हादसे भी हो जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग इन केबल को बदलने या सुरक्षा के कोई उपाय नहीं करता है। वो तो शुक्र है बिजलीघर के कर्मचारियों कि वो खबर मिलते ही दौड़े-दौड़ चले आते हैं। कारोबारियों ने बताया कि सराफा बाजार में इंसुलेटेड बिजली के केबल में कभी भी आग लग जाती है। अब तक गनीमत यह है कि ये किसी के ऊपर नहीं गिरे हैं।
बड़ी संख्या में मारे जाते
यहां तारों के झूंड इतनी खतरनाक हलात में है कि कई बार ये तार टूटकर गिर चुके हैं। कारोबारियों का कहना है कि इसके लिए कई बार बिजली विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। नील गली के कारोबारी बताते हैं कि बिजली अफसर इससे अंजान नहीं है। वो सब कुछ जानते हुए भी कुछ करने को तैयार नहीं। नील की गली सबसे पुरानी सोने की बाजार है। इस गली में बड़ी संख्या में सोने की दुकानें हैं। लेकिन व्यवस्था और सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के हादसे होते रहे हैं। कई बार इस संबंध में अधिकारियों से मिल चुके है। इसके लिए प्रशासन को पत्र लिखा लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। लगता है बिजली विभाग और प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं। इसके अलावा भी शहर में स्थानों पर ऐसा ही हाल है। आसमान से बरस रही आग में बिजली का लोड भी लगातार बढ़ रहा है। हाल यह है कि बिजली के तार तक जलने शुरू हो गए हैं।
बुढानागेट इलाके में बच्ची की हो गयी थी मौत
पिछले दिनों बुढानागेट इलाके में नंगे तारों में फंसी पतंग निकालने की वजह से एक बच्ची की मौत हो गयी थी। बच्ची की मौत के बाद जरूर वहां की सुध ली गयी। अगले ही दिन वहां बिजली कर्मचारियों का दस्ता पहुंच गया था और खामियां थीं उन्हें दूर कर दिया गया था। लेकिन शहर में सराफा बाजार, लाला के बाजार आदि क्षेत्रों में तारों का जाल बिछा पड़ा है।
इन क्षेत्रों में अंडर ग्राउंड लाइन की जरुरत
हापुड रोड, वैली बाजार, शहर घंटाघर का पूरा इला गुदड़ी बाजार, खत्ता रोड, लाला का बाजार, सराफा बाजार स्थित नील गली, कैंचीयान, घंटाघर, खैरनगर, कबाड़ी बाजार, कोटला, अनाज मंडी, कागजी बाजार, शीश महल, डालमपाड़ा, सराय लाल दास, मकसूद अली चौक,किशन पुरी, केसरगंज, जलीकोठी, दालमंडी, पूर्वा महावीर आदि।
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