यात्रीगण कृपा ध्यान दें! रैपिड तैयार मगर स्टेशन नहीं, लंबा होता जा रहा है दौराला तक रैपिड का इंतजार, भैंसाली व बेगमपुल समेत कई स्टेशनों का काम अधूरा
New Delhi/ मेरठ/ रैपिड रेल से सवारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों का इंतजार अभी और भी लंबा होने जा रहा है, दरअसल रैपिड रेल यानि नमो भारत ट्रेन तो तैयार है, लेकिन भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस, डोरली, पल्लवपुरम समेत कई स्टेशन ऐसे हैं जिन पर काम अभी अधूरा पड़ा है। एनसीआरटीसी सूत्रों की मानें तो जब तक सभी स्टेशनों को काम फिनिश नहीं हो जाता, तब तक अंतिम पड़ाव तक रैपिड का पहुंचना संभव नहीं है। ऊपर जिन स्टेशनों का जिक्र किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा काम अभी भी भैंसाली और बेगमपुल स्टेशन का है। यह दोनों ही स्टेशन अंडरग्राउंड हैं। बेगमपुल स्टेशन की यदि बात करें तो वहां पर काम देख रहे एनसीआरटीसी का काम देख रहे एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंपनी का प्रयास दीपावली से पहले रैपिड को अंतिम पड़ाव तक पहंचने देने का था, लेकिन कांवड़ यात्रा के चलते काम में आयी बाधा से अंतिम पड़ाव तक रैपिड पहुंचाने का प्रोजेक्ट करीब तीन माह पीछे चला गया। हालांकि उन्होंने बताया कि कंपनी के दिल्ली स्थित आॅफिशियल यहां पड़ाव डाले हुए हैं, लेकिन शीघ्रता से काम निपटाने के लिए भी जो वक्त लगता है वो तो लगेगा ही। उन्होंने बताया कि दीपावली से पहले रैपिड को अंतिम पडाव तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस, डोरली, पल्लवपुरम समेत कई स्टेशन ऐसे हैं जिन पर काम अभी अधूरा, कांवड़ यात्रा के चलते काम में आयी बाधा से अंतिम पड़ाव तक रैपिड पहुंचाने का प्रोजेक्ट करीब तीन माह पीछे
लाइन टेस्ट कंपलीट
अंतिम पड़ाव तक पहुंचने के लिए रैपिड के जो लाइन टेस्ट यानि लाइन पर रैपिड के दौड़ने के जो टेस्ट होने हैं, एनसीआरटीसी के सूत्रों ने जानकारी दी कि वो भी पूरे हो चुके हैं। लाइन व रैपिड को लेकर काम कंपलीट हो चुका है। केवल टॉप आॅफिशियल के ग्रीन सिग्नल का इंतजार है। बताया गया है कि ग्रीन सिग्नल तभी मिलेगा जब आॅल कंपलीट का सिग्नल मिल जाएग। वहीं दूसरी ओर उक्त स्टेशनों पर अभी रंगाई पुताई का काम भी पूरा नहीं है। एमईएस स्टेशन और डोरली स्टेशन की यदि बात करें तो वहां तो अभी यात्रियों के प्लेट फार्म तक पहुंचने तक की व्यवस्था नहीं है। इन दोनों ही स्टेशनों पर काफी काम रूका हुआ है। यही स्थिति पल्लवपुरम स्टेशन की भी है, वहां भी स्टेशन का काम अधूरा पड़ा हुआ है। इन तीनों ही स्टेशनों की जो स्थिति नजर आती है उसके देखकर तो यही कहा जा सकता है कि कम से कम एक पखवाड़ा अभी और लग सकता है। हालांकि इससे पहले एकाएक तीस सितंबर को रैपिड के अंतिम पड़ाव तक पहुंचने की खबरें जोरों पर थीं। यहां तक बताया गया था कि पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे, हालांकि भाजपा संगठन तक इस प्रकार का कोई कार्यक्रम नहीं आया था। वहीं दूसरी ओर भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यदि पीएम के हाथों ही रैपिड के अंतिम पड़ाव के उद्घाटन की जहां तक बात है तो तैयारी के लिए संगठन को कम से कम एक सप्ताह का समय तो चाहिए ही। केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं पीएमओ के स्तर से भी तमाम तैयारियों को फाइलन टच दिया जाता है।