नई दिल्ली। दुनिया में इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। ज्योतिषियों ने कुछ पावंदियां बतायी हैं जिनका पालन यदि किया जाए तो बेहतर होता है। सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा पाठ ना करें। देव घर के कपाट बंद रहने चाहिए। सूतक काल शुरू होने के साथ ही पूजा पाठ निषिद्ध हो जाता है। केवल मन ही मन में जाच करें तो बेहतर होता है। अब आपको विस्तार से जानकारी देते हैं। नई दि ल्ली। सूर्य ग्रहण के दौरान सभी देव कष्ट में रहते हैं। नकारात्मक ऊर्जा संपर्ण शक्तियां प्राप्त कर लेती हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है। याद रहे कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रविवार 21 सितंबर को लगने जा रहा है। हालांकि भारत में यह दिखाई नहीं देगा। कुछ स्थानों पर जरूर आंशिक रूप से यह नजर आ सकता है। ज्योतिषी पंड़ित विवेक शर्मा ने बताया कि आज यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा जो 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक चलेगा। यह ग्रहण रात में लगेगा जिसके कारण इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। पंड़ित विवेक शर्मा ने जानकारी दी कि ग्रहण के दौरान सूर्य कन्या राशि में रहेगा और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होगा। इस दिन कन्या राशि में सूर्य के साथ-साथ चंद्रमा और बुध भी मौजूद रहेंगे।हिंदू धर्म में ग्रहण की घटना को अच्छा नहीं माना जाता है। ग्रहण के दौरान सभी देवी-देवता कष्ट में रहते हैं और चारों तरफ नकारात्मक ऊर्जा रहती है। ऐसे में ग्रहण खत्म होने के बाद घर और पूजा स्थल का साफ-सफाई करें और घर के हर हिस्से में गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद स्नान करके देवी-देवताओं की पूजा करें। आज सर्वपितृ अमावस्या भी मनाई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी पर मायावी ग्रह राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसी वजह से ग्रहण के दौरान पूजा-अर्चना और शुभ काम करना वर्जित है।
सूर्य ग्रहणसे पहले मंदिर के कपाट को बंद कर देना चाहिए और भोजन में तुलसी के पत्ते ड़ाल कर रखें। इससे ग्रहण का प्रभाव खाने की चीजों पर नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण की शुरुआत 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और समापन रात 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। यह साल का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण है और भारत में नजर नहीं आएगा। इसी वजह से भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सबसे उत्तम उपाय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: और ऊँ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति ग्रहण के प्रभाव से दूर रहता है। ग्रहण के समाप्त होने के बाद दान अवश्य दें। स्नान के बाद ही पूजा अर्चना करें। इससे धन में वृद्धि होती है और जीवन सुख-समृद्धि बनी रहती है।