
सर्दी के मौसम में नवजात को लेकर बरतें सावधानी, माता पिता की गलती ना पड़े मासूम पर भारी, सर्दी का मौसम जहर है मासूमों के लिए रखे ध्यान
नई दिल्ली। न्यू बोन बेबी यानि नवजात की सर्दी में देखभाल के लिए कुछ खास ध्यान रखना पड़ता है, इसमें माता पिता के स्तर से चूक नवजात को भारी पड़ सकती है। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी है और अस्पतालों में नवजात शिशुओं में सर्दी-जुकाम, निमोनिया और हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान बहुत कम होना) के मामले बढ़ने लगे हैं। AIIMS दिल्ली, पटना AIIMS और सफदरजंग अस्पताल के नवजात विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जन्म के पहले 28 दिन सबसे नाजुक होते हैं। छोटी-सी लापरवाही भी गंभीर खतरा बन सकती है।
इन गलतियों से बचें
बच्चे को मोटे-मोटे कंबल में लपेटकर सुलाना → बच्चा गर्मी से बेहोश हो सकता है या साँस रुक सकती है। रूम हीटर को सीधे बच्चे की तरफ चलाना → त्वचा जलने या डिहाइड्रेशन का खतरा। बच्चे को बार-बार नहलाना → सर्दी में त्वचा रूखी हो जाती है और इंफेक्शन बढ़ता है। घर में धुँआ (अगरबत्ती, मच्छर कोइल, चूल्हा) → शिशु के फेफड़ों को नुकसान और बुखार आने पर तुरंत एंटीबायोटिक देना → बिना डॉक्टरी सलाह के खतरनाक।
सर्दी में नवजात की देखभाल
| क्रम | क्या करें | क्या न करें |
|---|---|---|
| 1 | कंगारू मदर केयर (त्वचा से त्वचा संपर्क) दिन में कम से कम 2-3 घंटे | बच्चे को अकेला छोड़कर सोना |
| 2 | कपड़े की 3 परतें: भीतरी सूती वेस्ट → पूरे आस्तीन का सूती कुर्ता → ऊनी या फ्लीस जैकेट | मोटा रजाई/कंबल में लपेटना |
| 3 | सिर, हाथ और पैर हमेशा ढके रहें (ऊनी टोपी, मोजे, दस्ताने जरूरी) | बच्चे के मुँह-नाक पर कपड़ा बांधना |
| 4 | कमरे का तापमान 24-26°C रखें (रूम हीटर दूर रखें, ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें) | सीधे हीटर या ब्लोअर की हवा लगने देना |
| 5 | नहलाना हफ्ते में 2-3 बार ही, गुनगुने पानी से (37°C), 5 मिनट में खत्म | रोज नहलाना या ठंडा पानी इस्तेमाल करना |
| 6 | स्तनपान हर 2-3 घंटे में जरूर कराएं (माँ को भी गर्म चीजें खानी चाहिए) | फॉर्मूला मिल्क या शहद देना (1 साल तक मना) |
| 7 | बच्चे के नाक बंद होने पर सलाइन ड्रॉप्स डालें, बल्ब सिरिंज से साफ करें | नाक में तेल या घरेलू नुस्खे डालना |
| 8 | टीकाकरण का समय बिल्कुल न छोड़ें (खासकर फ्लू वैक्सीन माँ को लगवाएं) | भीड़-भाड़ वाली जगह ले जाना |
| 9 | बच्चे का तापमान रोज चेक करें (सामान्य 36.5-37.5°C) | बुखार में लेप या ठंडे पानी की पट्टी करना |
| 10 | हल्का मसाज सरसों के तेल (गुनगुना करके) से दिन में एक बार | तेज मालिश या गर्म तेल से जलाना |
AIIMS पटना के नवजात विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश तिवारी ने कहा, “90% मामले घर में ही संभाले जा सकते हैं, बस सही तरीका पता होना चाहिए। सबसे सुरक्षित गर्मी माँ की गोद है।” सर्दी का मौसम नवजात के लिए चुनौती है, लेकिन थोड़ी सावधानी से आपका नन्हा मेहमान पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ रह सकता है। अपने बच्चे की देखभाल में कोई शक हो तो तुरंत अपने डॉक्टर या नजदीकी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करें।