गबन की आरोपी महिला बुजुर्ग 65 वर्षीय महिला एक महीने से ज्यादा समय से जेल में है बंद
इलाहाबाद/मेरठ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 साल पहले वजीफे के गबन के मामले में आरोपित महिला मोहसीना खान की जमानत मंजूर कर ली। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी और अपर शासकीय अधिवक्ता को सुनकर दिया। वित्तीय वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा मदरसा के प्रबंधकों के खातों में छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमित पाए जाने के कारण तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम व कार्यालय के लिपिक संजय त्यागी समेत कई मदरसा संचालकों व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में 98 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
याची के खिलाफ आरोप है कि मोहसीना इस्लामिक मदरशा जाकिर कालोनी में बच्चों को 5,22,100 /- रुपए नगद छात्रवृत्ति का वितरण दिखाकर अन्य सह आरोपी प्रिंसिपल नूर अहमद ,अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम,पटल सहायक संजय त्यागी के साथ मिलकर धनराशि का गबन कर लिया है। वह मदरशा में प्रबंधक व मदरसे के खाता में संचालक थी। अभी तक उनके खिलाफ कोई भी अपराध होना नहीं पाया गया है। छात्रवृति का नगद वितरण अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया था। बुजुर्ग 65 वर्षीय महिला एक महीने से ज्यादा समय से जेल में है। किसी छात्र या अभिभावक ने छात्रवृति न मिलने की कोई शिकायत नही की है। आज तक याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नही हुई है। पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नही रहा है। याची के ऊपर कोई ऐसा आरोप नही है कि विवेचना में सहयोग नही किया। 6 साल से जांच चल रही है। छात्रवृति वितरण में अनियमितता के आधार पर कोई आपराधिक आरोप गबन का मामला नही है, जिस पर याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी की दलीलों को सुनकर न्यायालय ने याची को जमानत शर्तो के साथ मंजूर कर दी।