GST के पुराने स्लैब की दरकार

GST के पुराने स्लैब की दरकार
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GST के पुराने स्लैब की दरकार,  मेरठ-हापुड़ लोकसभा के सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान ईंट भट्टों पर बढ़ाई गयी GST दरों को पुराने स्लैब में लाने तथा 40 लाख रूपये तक वार्षिक टर्नओवर करमुक्त किये जाने की मांग की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मामले पर बोलते हुए सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि देश भर में लगभग डेढ लाख ईंट भट्टे संचालित किये जाते हैं जिनमें करोड़ों कुशल एवं अकुशल श्रमिक कार्य करते हैं। ग्रामीण सीजनल कुटीर उद्योग के तौर पर स्थापित यह उद्योग कोरोना काल तथा कोयले की लगातार बढ़ती कीमतों कारण पहले से ही संकट से गुजर रहा है तथा बंदी की कगार पर है। जी.एस.टी. की दरें बढ़ा दिए जाने से इस उद्योग पर संकट और भी अधिक गहरा गया है। जी.एस.टी. काउंसिल की 45वीं बैठक में भट्टों में निर्मित लाल ईंटों पर कर की दर बिना आई.टी.सी. क्लेम किये 01% से बढ़ाकर 06% तथा आई.टी.सी. क्लेम करने पर कर दर 05% से बढ़ाकर 12% 01 अप्रैल 2022 से किया गया है। इतना ही नहीं निर्माण क्षेत्र के 40 लाख रूपये तक वार्षिक टर्नओवर के व्यवसाय जी.एस.टी. में करमुक्त है परन्तु ईंट निर्माताओं के लिए कुछ राज्यों में 20 लाख रूपये तथा उत्तर प्रदेश में मात्र 10 लाख रूपये वार्षिक टर्नओवर ही करमुक्त किया गया है। सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल ने सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि करोड़ों व्यक्तियों को आजीविका प्रदान करने वाले तथा विनिर्माण के क्षेत्र में अनिवार्य रूप से प्रयोग की जाने वाली ईंट को बनाने वाले भट्टों को बचाने के लिए GST की पुरानी दरों को लागू करने तथा ईंट निर्माताओं के लिए भी निर्माण क्षेत्र की भांति 40 लाख रूपये वार्षिक टर्नओवर को करमुक्त करने का कष्ट करें।

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