आर्थिक अपराध संगठन की शिकायतकर्ता नीतू राणा तत्कालीन सब इंस्पेक्टर को नोटिस जारी, मौलाना आजाद इंटर कॉलेज मेरठ के विरुद्ध छात्रवृत्ति गवन के मामले में प्रबंधक के विरुद्ध चल रही निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक
नई दिल्ली/इलाहाबाद। मेरठ
मदरसा छात्रवृत्ति घोटाला मामले को लेकर थाना किठौर में एफआईआर दर्ज कराने वालीं ईओडब्लू (आर्थिक अपराध संगठन) की तत्कालीन सब इंस्पेक्टर नीतू राणा को नोटिस जारी किया है। साथ ही मौलाना आजाद इंटर कॉलेज के विरुद्ध छात्रवृत्ति गवन के मामले में प्रबंधक के विरुद्ध चल रही निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। ये आदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने याची शकील अहमद प्रबंधक मौलाना आजाद इंटर कॉलेज ललियाना के विरुद्ध चल रहे मामले की सुनवाई के बाद दिए हैं। उनके खिलाफ चल रही निचली अदालत की कार्रवाई पर छात्रवृत्ति के गबन के मामले में रोक लगा दी है।
याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि तत्कालीन उप निरीक्षक नीतू राणा आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन मेरठ ने भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली लगभग तीन करोड़ रुपए की अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति धनराशि की जांच में मौलाना आजाद इंटर कॉलेज ललियाना के संचालक शकील अहमद व प्रधानाचार्य आरिफ एवं अच्छन खा द्वारा स्कूल को वर्ष 2010-11 में मिली छात्रवृत्ति 33,78,135 रुपए को तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम व संजय त्यागी तत्कालीन लिपिक द्वारा मिलकर समस्त धनराशि गबन कर हड़प किए जाने की जांच करने के उपरांत मुकदमा वर्ष 2016 में थाना किठौर में दर्ज कराया था। कोर्ट को बताया गया कि याची के ऊपर फर्जी प्रपत्र बनाकर छात्रवृत्ति गबन किए जाने का आरोप पूरी तरीके से झूठ है याची ने छात्रवृति की समस्त धनराशि को चेक के द्वारा कुल 682 बच्चों को बैंक में चेक के द्वारा वितरण किया है, जिसमें विवेचना अधिकारी ने 82 बच्चों व उनके माता-पिता के द्वारा छत्रवृति मिलने का बयान भी दर्ज किए हैं लेकिन इसके बावजूद याची के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दी गई ।
याची के विरुद्ध कोई भी ठोस साक्ष्य रिकॉर्ड पर नहीं है, जबकि अपर शासकीय अधिवक्ता ने इस बात को मानने से इनकार नहीं किया कि बच्चों का उनके माता-पिता ने अपना बयान दर्ज कराया है और छात्रवृत्ति उनके बीच में बाटी है तथा याची अधिवक्ता ने बताया बैंक मैनेजर ने भी अपने बयान दर्ज कराया है कि बच्चों को चेक के द्वारा समस्त छात्रवृत्ति की धनराशि का वितरण किया गया है । अधिवक्ता ने यह भी बताया कि शत प्रतिशत छात्रवृत्ति का वितरण निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए किया गया है ।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19(3) के तहत कार्यवाही पर रोक नहीं लगाया जा सकता लेकिन उच्चम न्यायालय के निर्देश के क्रम में कुछ खाश केस में न्याय हित के लिए न्यायालय पीसी एक्ट में निचली अदालत की अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा सकती है जैसा की इस केस में बच्चे और उनके गार्जियन के बयान से पता चलता है कि छात्रवृत्ति का वितरण बच्चों में हुआ है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार व तत्कालीन नीतू राणा उप निरीक्षक को अपना जवाब 4 सप्ताह में दाखिल करने के लिए निर्देश दिया है और याची को 2 सप्ताह में रिजाइंडर दाखिल करने का निर्देश दिया व मुकदमे की अगली सुनवाई की तिथि 18 नवंबर को टॉप टेन केस में लिस्ट करने का निर्देश दिया है।