JE प्रमोशन-हाईकोर्ट में रिट

JE प्रमोशन-हाईकोर्ट में रिट
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JE प्रमोशन-हाईकोर्ट में रिट,

-पावर कारपोरेशन प्रशासन ने रोकी जेई के प्रमोशन की लिस्ट
-लखनऊ से कुछ दिन बाद प्रमोशन की नई लिस्ट जारी किए जाने की आहट
शेखर शर्मा
पांचवीं और आठवीं पास को जेई बनाया जाना उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध तंत्र के गले की फांस बन गया है। प्रमोशन प्रक्रिया में तमाम खामियां गिनाते हुए हाईकोर्ट में रिट दायर की गयी हैं। इन्हीं रिट में से एक रिट मेरठ के कपिल गौतम ने उत्तम चंद व अनिल वर्मा के साथ दायर की गयी है। प्रमोशन प्रक्रिया की खामियों के खिलाफ दायर की गयीं इन तमाम रिटों के बाद फिलहाल लखनऊ स्तर पर प्रमोशन की जो सूची जारी की जानी थी उसको प्लग निकाल दिया है। सूची जारी करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी है। साथ ही यह भी अटकलें लगायी जा रही हैं कि मामले के कोर्ट में पहुंच जाने के बाद अब जिनका प्रमोशन किया गया है उनमें बड़े स्तर पर छंटनी की जाएगी उसके बाद ही संभवत: सूची दायर की जाए।
कारगुजारी फसाद की जड़
जेई के प्रमोशन को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अफसरों की जो फजीहत फिलहाल कोर्ट में हो रही है, रिट दायर करने वाले इस फजीहत के लिए इन अफसरों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कपिल गौतम ने बताया कि पहले जो प्रक्रिया थी उसके अनुसार टीजी-टू के दो वर्ग थे। पहला टीजी-टू विद्युत और दूसरा टीजी-टू लाइन जो टीजीटू विद्युत होते थे, दस साल की सेवा के बाद उनको जेई का प्रमोशन दे दिया जाता था और जो टीजी-टू लाइन होते थे उनका प्रमोशन लाइनमैन तक होता था और यही से वह रिटायर्ड हो जाते थे। लेकिन बाद में इस व्यवस्था को लखनऊ में बैठे अफसरों ने बदल दिया और दोनों को मर्ज कर केवल टीजी-टू बना दिया। बस यही से सारा फसाद शुरू हुआ।
खामियां ही खामियां
पुराना सिस्टम बदलने के बाद लखनऊ ने पीवीवीएनएल समेत प्रदेश के अन्य विद्युत वितरण निगमों से जेई के प्रमोशन के लिए जो सूची मांगी सारा फसाद वहीं से शुरू हुआ। प्रमोशन के लिए जो नाम भेजे गए उनमें मृतक, पांचवीं, आठवीं और दसवीं पास शामिल कर लिए गए। इसका खुलासा करने का काम भी जनवाणी ने किया। इस खुलासे के साथ ही बबाल शुरू हो गया। नौबत केवल पांचवीं, आठवीं या दसवीं पास के नाम प्रमोशन के लिए भेजे जाने तक ही नहीं रही बल्कि सारा फसाद तो तब हुआ जब जो टीजी-टू आईटीआई पास आउट थे और दस साल से ज्यादा की सेवा दे चुके थे, साथ ही प्रमोशन भी चाहते थे, उनमें से ज्यादातर के नाम ड्रॉप कर दिए गए।
मैनेजमेंट के रवैये से निराश
इस मामले को लेकर महकमे में लगातार आवाज बुलंद कर रहे कर्मचारी नेता जिनमें अभिमन्यू व कपिल गौतम के अलावा केंद्रीय अध्यक्ष चंद्र भूषण, वसीम  सरीखे तमाम कर्मचारी नेता की यदि बात की जाए तो कहा जा रहा है कि टॉप आफिशियल के रवैये से ये सभी खासे निराश हैं। कुछ दिन पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष चंद्र भूषण व वसीम रिजवी ने लखनऊ में चेयरमैन से भी मुलाकात की थी। उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया था। साथ ही इसकी जांच कराए जाने का भी आग्रह किया था, लेकिन वहां से निराशा ही हाथ लगी बतायी जा रही है।

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