हरिद्वार, प्रयागराज, बनारस, अयोध्या, पुष्कार में भारी भीड़, देश भर से पहुंचे श्रद्धालुजन पवित्र स्नान के लिए, सिख, जैन व बौद्ध समुदाय में भी विशेष महत्व
नई दिल्ली/ प्रयागराज। कार्तिक पूर्णिमा के मौके देश भर में लाखों लोगों ने पवित्र स्नान किया। इस मौके पर केवल भारत ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। यूपी के ब्रजघाट पर इस मौके पर पवित्र स्नान पर मेले का आयोजन किया गया। यह मेला करीब दस दिन तक चलता है। इसके अलावा पुष्कर राजस्थान में भी इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया। वहां विदेशी सैलानी और हिन्दुत्व में आस्था रखने वाले बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
बड़ा धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन माना जाता है, जिसे त्रिपुरी पूर्णिमा, देव दीपावली और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य, व्रत और दीपदान करते हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं इसके धार्मिक महत्व और देशभर में कहां-कहां स्नान का आयोजन हुआ, साथ ही ताजा खबरें।
धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्मों में विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों के अनुसार:
- पाप नाश और मोक्ष प्राप्ति: गंगा या पवित्र नदी में स्नान करने से मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है। सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष का द्वार खुलता है। यह दिन भगवान विष्णु (मत्स्य अवतार) और शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
- दान-पुण्य का अक्षय फल: इस दिन किया गया दान (अन्न, वस्त्र, तिल) और दीपदान से अनंत पुण्य मिलता है। वैज्ञानिक दृष्टि से, नदी स्नान से शरीर की ऊर्जा संतुलित होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- अन्य धर्मों में: सिखों के लिए गुरु नानक देव जयंती (प्रकाश पर्व), जैनों में तपस्या का समापन, और बौद्धों में बोधगया में विशेष पूजा।
शुभ मुहूर्त (2025): स्नान-दान का मुहूर्त सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक (भद्रा का प्रभाव होने से कुछ समय में विलंब)। चंद्र दर्शन शाम 6:30 बजे के बाद।
देशभर में स्नान स्थल और खबरें
कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालु पवित्र घाटों पर उमड़े। धार्मिक मान्यता है कि इन स्थानों पर स्नान से ‘महाकुंभ’ के समान पुण्य मिलता है। नीचे प्रमुख स्थल और ताजा अपडेट्स:
| स्थान | नदी/घाट | खास बातें और खबर |
|---|---|---|
| हरिद्वार (उत्तराखंड) | गंगा (हर की पौड़ी) | लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। दीपदान से घाट जगमगा उठे। पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, कोई हादसा नहीं। |
| प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) | त्रिवेणी संगम (गंगा-यमुना-सरस्वती) | महाकुंभ जैसा पुण्य। सुबह से भारी भीड़, दान-पुण्य का दौर। |
| वाराणसी (उत्तर प्रदेश) | गंगा (दशाश्वमेध घाट) | देव दीपावली पर हजारों दीप प्रज्वलित। स्नान से पापमुक्ति का विश्वास। |
| अयोध्या (उत्तर प्रदेश) | सरयू नदी | राम मंदिर दर्शन के साथ स्नान। लाखों भक्तों की भीड़, कतारें लगीं। |
| पुष्कर (राजस्थान) | पुष्कर सरोवर | ब्रह्मा मंदिर के पास स्नान। पशु मेला भी लगा, लोक संस्कृति का संगम। चंद्रभागा मेला 4-6 नवंबर तक। |
| कानपुर (उत्तर प्रदेश) | गंगा (सरसैया और बिठूर घाट) | पुलिस आयुक्त ने निरीक्षण किया। भीड़ नियंत्रण के लिए ड्रोन और CCTV लगाए। सुगम स्नान। |
| उन्नाव (उत्तर प्रदेश) | गंगा (नानामऊ घाट) | एसपी ने सुरक्षा समीक्षा की। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं। |
| मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) | गंगा (शुक्रताल) | कार्तिक गंगा स्नान मेला। एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था चेक की। |
| पटना/सारण (बिहार) | गंगा-गंडक संगम | भारी भीड़ उمड़ी। पवित्र स्नान के बाद पूजा। |
| फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) | यमुना नदी | गंगा न होने पर यमुना में स्नान, लेकिन मगरमच्छ दिखने से हड़कंप। वीडियो वायरल। |
| झालावाड़ (राजस्थान) | चंद्रभागा नदी | चंद्रभागा मेला में स्नान और हस्तशिल्प मेला। आस्था का अनोखा संगम। |