महाभारत की तर्ज पर लड़ रहे चुनाव, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के तहत मेरठ की यदि बात की जाए तो प्रमुख दल केवल चुनाव ही नहीं लड़ रहे बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी महाभारत हो रही है। चुनाव में अपने अपनों के दुश्मन बने हैं। सबसे ज्यादा किरकिरी तो सत्ताधारी भाजपा की हो रही है। बागियों को मनाने के लिए पगड़ी कदमों में रखने तक की नौबत आ गयी है। सबसे ज्यादा बुरा हाल कांग्रेस का है। आस्तीन चढ़ाए कांग्रेसी आपस में ही पंजा लड़ा रहे हैं। समानांतर संगठन तो मेरठ कांग्रेस के लिए अब कोई नहीं बात नहीं रह गयी है। कांग्रेसियों की यदि बात करें तो बजाए नगर निगम का चुनाव लड़ने के अभी तो आपस में ही लड़-लड़ कर मरे जा रहे हैं। संगठन पर टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं। चुनावी मौसम में तमाम दलों में छिडी महाभारत जीत का गणित बिगाड़े जा रही है। खुद को बैश्यों की पार्टी बताने वाले भाजपा से इस बार रस्तौगी वैश्य खासये नाराज हैं। इनके अलावा त्यागी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। खुद को समाज का ठेकेदार बताने वाले त्यागी आस्तीन चढाए घूम रहे हैं। दोनों नगर पालिकाओं और 13 नगर पंचायतों में भी सामने आ रही हैं। बागी अब निर्दलीय बनकर चुनौती देने पर उतारू हैं। सपा की सूची में कई वार्डों में घोषणा के बाद बाद प्रत्याशी बदल दिए सपा जिलाध्यक्ष पर प्रत्याशी बदलने का आरोप लगा हैं। जारी हुई सूची में पांच वार्डों में प्रत्याशी के नाम शामिल होने के बाद बावजूद प्रत्याशी बदल दिए गए। जिससे सूची में नाम वार्ड 71 से मौहम्मद इसरार, वार्ड-72 से मतीन अंसारी, वार्ड -77 से मुस्तफा अंसारी व वार्ड 75 से महताब की पत्नी, वार्ड 90 से सरताज को प्रत्याशी घोषित किया गया था लेकिन पांचों वार्ड में सूूची में नाम आने के बावजूद प्रत्याशी बदल दिए गए, जबकि इन्होंने नामांकन भी कर दिया था। मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पांचों वार्ड के प्रत्याशी बदल दिए गए। वार्ड-71 के प्रत्याशी मौ. इसरार और वार्ड-72 से प्रत्याशी मतीन अंसारी ने जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह, महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी व अतुल प्रधान के लेटर लगाकर वार्ड-71 से अहसान अंसारी व वार्ड-72 से उसके बेटे जीशान अंसारी को प्रत्याशी बना दिया जबकि वो पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता भी नहीं थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रंजन शर्मा को चुनाव लड़ाने पर अहसान अंसारी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था जबकि जनरल महिला सीट के लिए वार्ड-75 से महताब की पत्नी का टिकट काटकर शहजाद की पत्नी, वार्ड-77 से मुस्तफा अंसारी की जगह शहजाद की पत्नी को टिकट दिया गया है। वार्ड-90 सरताज की जगह नवाब को टिकट दिया गया है। इस बारे में सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह का कहना है कि तीन वार्ड-71, 77 व वार्ड- 90 में जिला स्तर पर जो प्रत्याशी बनाए गए थे, वे प्रदेशाध्यक्ष ने बदले हैं।