लिपिक के भ्रष्टाचार की खुल रही हैं फाइलें, आॅफिस में सजतीं शराब की महफिल, पूर्व में भी बनी थी जांच कमेटी, लेकिन जांच नहीं की गई पूरी
अपने खिलाफ आने वाली शिकायतों की फाइलों को नहीं पहुंचने देता था महकमे के सक्षम अफसरों तक
मेरठ/ पीवीवीएनएल के कथित रिश्वत खोर लिपिक सिद्धार्थ गर्ग के खिलाफ यूपीपीसीएल चेयरमैन ने जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में चेयरमैन के पीवीवीएनएल एमडी को भेजे गए पत्र में इस बात पर नाराजगी जतायी गयी है कि पूर्व में भी सिद्धार्थ गर्ग के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन आज तक भी वह जांच पूरी नहीं की जा सकी। चेयरमैन के पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि आरोपी लिपिक शिकायतों का भी कार्य देखता है और अपने खिलाफ आने वाले शिकायती पत्रों को डिस्कॉम के सक्षम अधिकारी तक पहुंचाने के बजाए उन्हें दबा देता था।
ना रिश्वत नो वर्क
यूपीपीसीएल चेयरमैन के 16 अप्रैल के पत्र में कहा गया है कि मेरठ अभियंता वितरण मेरठ-2 कार्यालय में निविदा का कार्य देखने वाला यह लिपिक तब तक फाइलें आगे नहीं बढ़ाता था, जब तक कि इसको रिश्वत नहीं मिल जाती थी। इतना ही नहीं आॅफिस के दूसरे स्टॉफ ने भी इसकी शिकायतें लखनऊ भेजी हैं, एमडी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ऐसे कृत्यों की वजह से महकमे की छवि खराब हो रही है। चेयरमैन कितने नाराज हैं इसका अंदाजा उनकी इस बात से लगाया जा सकता, पूर्व में जो जांच के आदेश दिए गए थे, वो जांचें आज तक पूरी नहीं की जा सकी हैं। सिद्धार्थ पर चेयरमैन का आरोप है कि वह अपने चहेते ठेकेदारों को बुलाकर खुद ही निविदाएं डलवाता था और बाद में उनके नाम ही ठेका छूट भी जाता था। बताया जाता है कि ऐसी निविदाओं की एक लंबी फेहरिस्त है। यह लिपिक एमडी कार्यालय में पैसा पहुंचाने की बात कहकर निविदा देने की एवज में पैसे लेता था। निविदा फर्मों से दस फीसदी अपना और दो फीसदी चीफ के नाम पर कमिशन लेता है।
आॅफिस में सजतीं शराब की महफिल
एमडी को जांच व कार्रवाई के लिए भेजे गए चेयरमैन के पत्र में सबसे गंभीर आॅफिस में चहेते ठेकेदारों के साथ शराब की महफिल सजने की बात कही गयी है। जिन ठेकेदारों को निविदा दिलानी होती थी, उनके साथ आॅफिस में ही पीने पिलाने का दौर चलता था। यह भी कहा गया है कि आरोपी लिपिक ने अपने एक साथी विकास मित्तल जो जिसका तवादला भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते विद्युत वितरण खंड तीन से विद्युत वितरण खंड दो में कराया, उसकी भी जांच चल रही है। कई अन्य गंभीर आरोप भी एमडी को भेजे गए इस पत्र में है। दरअसल यह पूरा मामला माधवपुरम निवासी राजकुमार की शिकायत से जुड़ा, जिस पर जांच के आदेश दिए गए हैं।