आईजीआरए पार्टल पर की गयी शिकायत पर इंचौली थाना के दरोगा ने भेज दी झूठी रिपोर्ट, मवाना रोड पर जहान्वी एन्क्लेव की जानकारी प्रधान ने खुद दी मेडा अफसरों को
मेरठ/ मवाना रोड स्थित गांव बहचोला में खेतों में अवैध कालोनी काट दी गयी है। हैरानी की बात तो यह है कि गांव के प्रधान ने खुद इसकी शिकायत मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी, सचिव व इलाके जेई से की है। इसके अलावा डीएम व कमिश्नर से भी शिकायत कर चुके हैं और तो और आईजीआरएस पोर्टल तक पर शिकायत की जा चुकी है। आईजीआरएस पोर्टल पर की गयी शिकायत का संज्ञान लिया गया। उचित माध्यम से जांच थाना इंचौली पहुंची, लेकिन प्रधान मोटी का आरोप है कि जो दरोगा जांच के लिए मौके पर मुआयना करने गए थे उन्होंने झूठी रिपोर्ट लगाकर शासन को भेज दी है। प्रधान ने बताया कि यह कालोनी जेपी रेजीडेंसी ग्रुप द्वारा काटी जा रही। सबसे पहले इस अवैध कालोनी की शिकायत ही उन्होंने प्राधिकरण अफसरों की थी, लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे प्राधिकरण अफसरों को यह अवैध कालोनी नजर नहीं आ रही है। यह कालोनी अब पूरी तरह से तैयार है और प्लाट की बिक्री शुरू कर दी गयी है। गांव के नेपाल, सुरेन्द्र व विजय से यह खेत खरीदा गया। खेत को खरीद कर वहां फसल पर जेसीबी चला दी गयी। फसल रौंद दी गयी।
अवैध खनन से भराव
फसल को रौद देने के बाद खेत में भराई कराने के नाम पर गांव में दूसरे खेतों में अवैध खनन कराकर इस अवैध कालोनी को इस लायक बनाया गया कि उसमें प्लाटिंग की जा सके। जानकार बताते हैं कि कालोनी काटने वालों ने ना तो तहसील से भूउपयोग परिवर्तित कराया और मेडा से तो नक्शा पास कराने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। असल में मेडा से तो सारा काम सेटिंग गेटिंग से चल रहा है। वहां की तो जेपी रेजीडेंसी वालों का चिंता ही नहीं है। ऐसा लगता है मानों मेडा का इस इलाके का पूरा स्टाफ ही अवैध कालोनी काटने वालों ने खरीद लिया है। इसलिए बेखौफ बने हुए हैं। इसके अलावा इन्होंने गांव के रास्ते को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
रात भर डंफरों का शोर
गांव वालों ने बताया कि अवैध कालोनी काटने वालों के डंफर व जेसीबी रात भर गांव में गर्द उड़ाते हैं। इनके डंफरों के शोर से अब गांव में रहना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी शिकायत सभी स्तरों पर की जा चुकी है, लेकिन कोई भी सुनने व कार्रवाई को तैयार नहीं है। पूरा गांव अवैध कालोनी काटने वालों से बूुरी तरह से त्रस्त हैं, लेकिन प्राधिकरण के अफसर हैं कि किसी भी कार्रवाई को वो राजी ही नहीं है। ऐसा लगता है मानों इस अवैध कालोनी के नाम पर प्राधिकरण के अफसर गूंगे बहरे बन गए हैं।
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