पूर्वी यूपी में सपा के वोट बैंक में सेंध का प्रयास, नॉन यादव ओबसी वोट बैंक पर नजर, चुनावी रणनीति सधी हुई चाल
नई दिल्ली। भाजपा आला कमान ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को यूपी भाजपा की कमान एक सधी हुई राजनीति चाल के तहत सौंपी है। दरअसल आला कमान की नजर यूपी के साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां समाजवादी पार्टी के वर्चस्व के चलते भाजपा को राजनीतिक जगह बनाने के लिए ऐसा चेहरा चाहिए था जो सपा का वोट बैंक कमजोर कर सके। काफी प्रयासों के बाद कहीं जाकर पंकज चौधरी पर आला कमान की नजर जाकर टिक गई। बस फिर क्या था। पंकज चौधरी की यूपी भाजपा के बतौर अध्यक्ष ताजपोशी का एलान कर दिया गया। इसके अलावा पंकज चौधरी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के करीबी माने जाते हैं। उनकी नियुक्ति से पूर्वांचल में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी और जातीय संतुलन सधेगा।
चुनावी रणनीति सधी हुई चाल
पंकज चौधरी कुर्मी (ओबीसी) समुदाय से आते हैं और पूर्वांचल के प्रभावशाली नेता हैं। उनकी नियुक्ति को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की महत्वपूर्ण रणनीतिक चाल माना जा रहा है। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में ओबीसी वोट बैंक, खासकर नॉन-यादव पिछड़ों में नुकसान हुआ था। समाजवादी पार्टी के ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले ने भाजपा को चुनौती दी थी।
नॉन यादव ओबीसी वोट बैंक पर नजर
अब कुर्मी चेहरे को संगठन की कमान सौंपकर भाजपा नॉन-यादव ओबीसी वोटों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। कुर्मी समुदाय यूपी में करीब 8% आबादी का है और पूर्वी व मध्य यूपी में निर्णायक भूमिका निभाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह कदम ओबीसी असंतोष को दूर करने और 2026 पंचायत चुनाव से लेकर 2027 विधानसभा तक संगठन को मजबूत बनाने का हिस्सा है।