
सदर जैन समाज की नजर में जिम्मेदार रंजीत जैन या फिर मृदुल जैनE सदर जैन मंदिर में पुलिस
मेरठ। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित चार सौ साल पुराने जैन मंदिर में किए गए घपले घोटालों की जांच के लिए पुलिस का पहुंची है। आमतौर पर मंदिर जी में पुलिस का पहुंचना ठीक नहीं बताया जाता, लेकिन बड़ा सवाल यही कि मंदिर जी में पुलिस के कदम पड़ने का जिम्मेदार रंजीत जैन है या फिर मृदुल जैन हैं। क्योंकि मंदिर जी में किए गए घपले घोटालों को लेकर ऋषभ एकाडेमी के सचिव डाÞ संजय जैन द्वारा एफआईआर दर्ज कराने का मकसद बस इतना है कि मंदिर में दी गयी दान की जो राशि लूटी गयी है वो वापस मंदिर जी में जाए। डा. संजय जैन ने दो टूक कहा कि जब क्राइम ब्रांच और पुलिस की अन्य जांचों में सभी ने पूछताछ के दौरान रंजीत जैन के अध्यक्ष रहते हुए कोषाध्यक्ष मृदुल जैन के पास ही दान में आए करोड़ों की रकम, एक किलो सोना और एक हजार किलो चांदी होने की बात कही है तो फिर रंजीत व मृदुल की वजह से ही पुलिस के मंदिर जी में कदम पडेÞ हैं।
सदर जैन समाज का आना होगा आगे
सदर दुर्गाबाड़ी जैन मंदिर को दान में मिली धन संपदा की लूट और कोर्ट कचहरी पुलिस थाना वाकई बदनामी का कारण है। अब समाज को ही आगे आना होगा जो चीजें खराब हो चुकी हैं उनको सही करने के लिए। यदि दो लोगों को साइड लाइन कर सब चीजें ठीक हो सकती हैं, जैसा कि खुद डा. संजय जैन भी लगातार कह रहे हैं वो केवल मंदिर जी में जो लोगों ने गलत किया है उसको ठीक करने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका किसी से कोई द्वेष नहीं। समाज आगे आए जो गलतियां हो गयी हैं उन्हें ठीक करे। बैठकर बात करें सब चीजें ठीक हो जाएंगी। कोर्ट कचहरी पुलिस थाना जैन समाज का नाम इनमें कभी नहीं आता। अब समाज को आगे आना ही होगा। अन्यथा जग हंसाई के अलावा कुछ हासिल नहीं होगा।