पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में, भारतीय किसान यूनियन इंडिया द्वारा भेजी गई राहत सामग्री
मेरठ। भारतीय किसान यूनियन इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप तितौरिया ने बताया कि पंजाब के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में भारतीय किसान यूनियन इंडिया द्वारा राहत सामग्री भेजी गई। जिसमें चावल, चीनी, दाल व अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुएं भेजी गई। राहत सामग्री भेजते समय तितौरिया ने बताया कि इस सम्बन्ध में वहां का दौरा कर जनता से बात कर उनकी समस्यायें दूर करने का प्रयास करने व बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवाने के साथ ही जल्द से जल्द अगली फसल के लिए भूमि को तैयार करने हेतु भी सहायता दी जायेगी।
नमक नहीं तो राशन भी नहीं

जिला आपूर्ति विभाग, मेरठ के सरंक्षण में जबरदस्ती दिया जा रहा है 30 रु0 किलो नमक, विरोध करने पर खाद्यान्न भी नहीं मिलता
मेरठ। भारतीय किसान यूनियन इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप तितौरिया ने गरीब जनता को जबरदस्ती दिये जा रहे नमक का विरोध किया गया। उन्होने बताया कि ऐसा कोई शासनादेश नहीं की खाद्यान्न के साथ नमक लेना जरुरी है पर मेरठ महानगर के ब्रहमपुरी व अन्य क्षेत्र के राशन डीलरों द्वारा जिला पूर्ति अधिकारी समेत अन्य विभागीय अधिकारियों से संरक्षण प्राप्त कर जनता को जबरन नमक विक्रय किया जा रहा है और इसकी एवज में 30 रु0 प्रति पैकेट लिया जा रहा है। पिछले 10 सितम्बर से माह सितम्बर का राशन वितरित हो रहा है। महानगर मेरठ के ब्रहमपुरी क्षेत्र के दुकानदार राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न के साथ जबरन 30 रु0 किलो की दर से नमक का पैकेट भी विक्रय कर रहे है। जो कार्ड धारक नमक लेने से मना करता है तो कहा जाता है कि यह तो लेना ही पड़ेगा क्योंकि स्वयं जिला पूर्ति अधिकारी मेरठ ने हमें ऐसा करने के लिए कहा है यदि नमक नहीं लेते हो तो खाद्यान्न भी नहीं मिलेगा। इस पूरे प्रकरण में इन राशन डीलरों को जिला पूर्ति अधिकारी समेत सभी सम्बन्धित आपूर्ति अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। कुछ राशन दुकानदारों ने पंजाब में आई बाढ़ का बहाना बनाकर सितम्बर माह का राशन भी वितरित नहीं किया। जब इस प्रकरणों की शिकायत जिला आपूर्ति अधिकारी को की गई तो कोई कार्यवाही नहीं करके अपने कार्यालय में बैठकर ही सत्यापन कर दिया जाता है। ऐसा तब हो रहा है जब आपूर्ति विभाग सीधे मुख्यमंत्री के पास है और मुख्यमंत्री जीरो टोलरेंस की बात करते है। भारतीय किसान यूनियन इंडिया इस का विरोध करेगी और जनता का उत्पीड़न नहीं होने देगी। यदि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही कोई कार्यवाही नहीं की गई तो जल्द ही आंदोलन की रुप रेखा तैयार की जायेगी।