ऋषभ प्रबंध समित के चुनाव पर रोक, मेरठ छावनी मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी के चुनाव का सपना देख रहे सचिव रंजीत जैन के विरोधी खेमे को जोर का झटका धीरे से लगा है।
रंजीत जैन विरोधी खेमे के लिए सोमवार अमंगलकारी साबित हुआ है। इस खेमे की प्रबंध समिति के चुनाव की तमाम कवायदों पर मेरठ कमिश्नर ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद पानी फेर दिया है। अगले आदेश तक चुनाव नहीं कराए जा सकते। ऋषभ प्रबंध समिति के चुनाव के डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेशों के विरूद्ध संस्थापक सदस्य शरद जैन ने कमिश्नर की कोर्ट में अपील दायर की थी। दरअसल 10 अगस्त को जारी यूपी शासन के नए जीओ में एक्ट में सोसाइटी के विवादों व आपत्तियों के निरस्तारण को अब कमिश्नर की कोर्ट भी अधिकृत है। बकौल शरद जैन उनकी ओर से कमिश्नर कोर्ट को बताया गया कि जिस मतदाता सूची को ऋषभ प्रबंध समिति के चुनाव का आधार बनाया वह नियम विरूद्ध है। उन्होंने तर्क दिया की श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति सदर दुर्गाबाड़ी की पार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद के अंतर्गत ऋषभ एकाडेमी का संचालन किया जाता है। मंदिर के संविधान के अनुसार ऋषभ के चुनाव के लिए मंदिर समिति के पांच प्रतिनिधियों या कहें मंदिर समिति की ओर से पांच सदस्य भेजे जाना अनिवार्य है। डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी ने ऋषभ के चुनाव के नाम पर जिस मतदाता सूची को अधिकृत रूप से स्वीकार किया है, वह आपत्तिजनक है। ऋषभ का संचालन जब श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति सदर दुर्गाबाड़ी की पार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद के अंतर्गत किया जाता है तो डिप्टी रजिस्ट्रार को इस शिक्षा परिषद से ही मतदाताओं की सूची मांगनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। शरद जैन ने कमिश्नर की कोर्ट में इन्हीं तमाम आपत्तियों को आधार बनाया था। दरअसल यह आदेश तो विगत 2 सितंबर को ही कमिश्नर की कोर्ट की सुनवाई के बाद जारी कर दिया गया था, लेकिन इसके सत्यापित आदेश मंगलवार को ही मिल सके। विपक्षियों को ऐसी एक और खबर के संकेत मिल रहे हैं।