ऋषभ चुनाव: शरद जैन ही सदस्य

शरद जैन का चुनाव पर सवाल
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ऋषभ चुनाव: शरद जैन ही सदस्य, छावनी वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग मेरठ स्थित ऋभष की लूट को लेकर जिन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें यह सच भले ही कड़वा लगे, लेकिन सच्चाई यही है कि श्रीपार्श्व जिनेन्द्र शिक्षा परिषद के शरद जैन ही मात्र सदस्य हैं। कोर्ट ने कहा है कि शरद जैन ने अपनी सदस्यता संबंधित सभी माकूल साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, इसके इतर जिन 84 सदस्यों के सूची राजेन्द्र जैन व मुकेश कुमार की ओर से दी गयी है उसको कोर्ट ने मानने से इंकार करते हुए निरस्त कर दिया। सदस्यता के लिए कैश में पेमेंट लिए जाने की बात को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
फिलहाल तो शरद जैन ही एक मात्र सदस्य हैं, इस सच्चाई पर कमिश्नर की कोर्ट में चली सुनवाई के बाद मोहर लगा दी गयी है। इसके साथ ही ऋषभ के संस्थापक शरद जैन के उन आरोपों की भी पुष्ट हो गयी है जो उन्होंने राजेश जैन सदर व मुकेश कुमार की ओर से प्रस्तुत की गयी 84 सदस्यों की सूची को लेकर लगाए थे। कमिश्नर की कोर्ट के आदेश आने के बाद शरद जैन ने बताया कि वह लगातार कहते आ रहे हैं कि ऋषभ पर कब्जे के लिए 84 लोगों की जो सूची सीए राजेश जैन (जोधामल सदर वालों के दामाद) व मुकेश कुमार ने दी है वह झूठ के पुलिंदे के अलावा कुछ नहीं। जिन्हें सदस्य बताते हुए सूची सौंपी गयी उसके संबंध में जो साक्ष्य डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटी चिट फंड न्यू मोहनपुरी मांगे थे, वो प्रस्तुत नहीं किए गए। हालांकि इसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना करते हुए ऋषभ के चुनाव कराने के नाम पर जो साजिश रची गयी, उसको भी कमिश्नर की कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद बेनकाब हो गई है।शरद जैन का कहना है कि उनकी लड़ाई डिप्टी रजिस्ट्रार से नहीं। उनकी लड़ाई मात्र ऋषभ को लुटेरों से बचाने भर की है। कोर्ट ने डिप्टी रजिस्ट्रार को यह भी आदेश दिए है कि हाईकोर्ट ने जो गाइड लाइन जारी की है मसलन 4बी के तहत सदस्यों के आधार कार्ड व उनके स्थायी पते का भौतिक सत्यापन करते हुए 9 फरवरी 2023 तक ऋषभ के चुनाव संपन्न कराए जाएं। कोर्ट ने राजेश जैन व मुकेश की सूची को भी निरस्त कर दिया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अब नियमानुसार काम होगा।

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