भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर छिड़ी है जंग, संघ की दो टूक सक्षम, नहीं चलेगा अब रबड स्टैंप, बड़ा सवाल ओबीसी या ब्राह्मण
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर संघ सुप्रीमो को सक्षम चाहिए रबर स्टैंप नहीं। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नडडा का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। प्रयास है कि उनके जैसा कोई मिल जाए लेकिन संघ ने दो टूक कह दिया है कि अध्यक्ष वहीं बनेगा जो परिश्रमी होगा परिक्रमा करने वाला अध्यक्ष संघ को मंजूर नहीं। जेपी नड्डा के बाद अब संगठन में सत्ता का अगला दौर कौन संभालेगा, इस सवाल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी के बीच खुली टकराव की नौबत आ गई है। संसदीय कार्यालय में हुई एक घंटे लंबी अहम बैठक – जिसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हुए – ने इस विवाद को और हवा दे दी है। बैठक के बाद भी कोई फैसला नहीं आया, लेकिन स्रोतों के मुताबिक, आरएसएस ‘रबर स्टैंप’ उम्मीदवार को ठुकरा रहा है, जबकि मोदी-शाह गुट ‘सक्षम’ और वफादार चेहरे पर अड़ा हुआ है।
ऐसा भी क्या जो एक अध्यक्ष नहीं हो पा रहा तय
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कूटनीतिक अंदाज में कहा था, “हम तय नहीं करते, वरना इतना समय क्यों लगता?” यह तंज सीधे मोदी-शाह पर था, जो नड्डा के उत्तराधिकारी के चयन में देरी का बहाना बना रहे हैं। फ्रंटलाइन पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस संगठन में विकेंद्रीकरण चाहता है – एक ऐसा अध्यक्ष जो ‘संगठन पुरुष’ हो, न कि दिल्ली के ‘हाईकमान’ का कठपुतली। दूसरी ओर, मोदी-शाह कैंप कोयलिशन राजनीति और चुनावी रणनीति पर फोकस्ड उम्मीदवार चाहता है।
ये हैं संघ और ये है मोदी-शाह की पसंद
पसंद की बात करें तो चर्चा है कि संघ की पसंद में धरमेंद्र प्रधान (ओबीसी, ओडिशा से), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम, संगठन में गहरी पैठ) या नितिन गडकरी (आरएसएस बैकग्राउंड, लेकिन स्वतंत्र छवि) जैसे चेहरे। ये नाम ‘संगठन की जड़ों’ से जुड़े हैं।
- आरएसएस की पसंद: धरमेंद्र प्रधान (ओबीसी, ओडिशा से), शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम, संगठन में गहरी पैठ) या नितिन गडकरी (आरएसएस बैकग्राउंड, लेकिन स्वतंत्र छवि) जैसे चेहरे। ये नाम ‘संगठन की जड़ों’ से जुड़े हैं, जबकि मोदी-शाह की पसंद में देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र के पूर्व सीएम) या संजय जायसवाल जैसे वफादार, जो ‘सक्षम भाजपा’ की लाइन पर चलें। अमित शाह खुद को मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में 28% सर्वे रिस्पॉन्डेंट्स की पसंद बन चुके हैं (मॉटन सर्वे, अगस्त 2025)।
नया अध्यक्ष ब्राह्मण समाज से होगा!
पहली कयासबाजी ये है कि नया अध्यक्ष ब्राह्मण समाज से होगा. इस रेस में सबसे आगे पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा हैं. डॉ दिनेश शर्मा 5 साल यूपी के डिप्टी सीएम रह चुके हैं. लखनऊ से आते हैं और वर्तमान में राज्यसभा में हैं और संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका निभा चुके हैं. दूसरा नाम पूर्वांचल से आने वाले हरीश द्विवेदी का है जो बस्ती से सांसद रहे और बीजेपी के सचिव हैं. महेंद्र नाथ पांडेय के बार लगातार दो बार ओबीसी वर्ग के अध्यक्ष होने की वजह से ब्राह्मण अध्यक्ष की चर्चा तेज है.
पीडीए कार्ड भी खेल सकती है बीजेपी
दूसरी चर्चा ये है कि सपा के पीडीए कार्ड को देखते हुए कोई ओबीसी इस बार भी पार्टी की अगुवाई करेगा. इसमें एक नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का है, जो निषाद समाज से आती हैं. इसके अलाव बुंदेलखंड से आने वाले लोध नेता बीएल वर्मा का नाम भी चर्चा में है, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं. दूसरा नाम पश्चिम से आने वाले लोध नेता और यूपी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह का है. पार्टी के एक तबके में राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य का भी नाम घूम रहा है.