
SSP व SP CBCID को नाेटिस के बाद कार्रवाई की आहट, घोटाले से भर्ती हुए निगम कर्मियों की बनेगा मुसीबत, स्टे के लिए कुछ पहुंच गए हैं हाईकोर्ट
मेरठ। नगर निगम में तेइस कर्मचारियों के भर्ती घोटाले में अब इनमें से इक्कीस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की आशंका जतायी जा रही है। यह भी आशंका है कि एसएसपी व एसपी सीबीसीआईडी को हाईकोट्र के नोटिस के बाद पुलिस आनन-फानन में हाईकोर्ट में अगली पेशी से पहले कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दे। लेकिन इससे बड़ी कार्रवाई नगर निगम प्रशासन को करनी है। वो यह कि शासन का आदेश है कि जो भी तेइस कर्मचारी गलत तरीके से भर्ती कर लिए गए हैं, उनको बर्खास्त कर उनसे नियमानुसार सेलरी की रिकबरी की जाए। इस पूरे घटनाक्रम से निगम के वोे कर्मचारी सांसत में हैं जिन्हें पैराशूट के जरिये भर्ती कर लिया गया। इन तेइस कर्मचारियों में दो का निधन हो चुका है और अब केवल इक्कीस ही जीवत हैं। इन पर कब कार्रवाइ्र की जाएगी यह कहना तो जल्दबाजी होगा, लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो अवमानना का नोटिस मिलने के बाद पुलिस किसी भी स्थिति मे इन कर्मचारियों को रियायत के मूड में नहीं है।
निगम प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार
तेइस कर्मचारियों के भर्ती घोटाले में निगम प्रशासन मसलन नगरायुक्त के स्तर पर जो कार्रवाई की जानी है अभी उसका इंतजार है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में रिअ दायर करने वाले निगम के पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रेम सिंह का कहना है कि शासन की जांच, मंडालयुक्त व डीएम के स्तर से कराई गईं जांच के अलावा शासन के द्वारा इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर उनसे रिकबरी किए जाने के आदशे और इन सब के इतर हाईकोर्ट के आदेश, उसके बाद भी निगम प्रशासन के स्तर से कार्रवाई का ना किया जाना यह बता रहा है कि निगम अफसरों को हाईकोर्ट की अगली कार्रवाई का कोई खौफ बाकि नहीं रह गया है। वर्ना क्या वजह है कि शासन के लगातार आदेशों के बाद भी निगम के अफसर उन आदेशों का अनुपालन करने के बजाए उन पर कुंडली मारकर बैठ गए हैं।
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत का प्रयास
एसएसपी व एसपी सीबीसीआईडी को नोटिस मिलने के बाद निगम के कुछ कर्मचारी गिरफ्तारी की आशंका के चलते अब हाईाकोर्ट से अग्रिम जमानत के लिए हाथ पांव मार रहे हैं। वो विधि विशेषज्ञों से राय भी ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में कुछ ने हाईकोर्ट के वकीलों से राय भी ली है और ये इलाहाबाद जाने की तैयारी में लग गए हैं।
इसलिए हो सकती है गिरफ्तारी
निगम के जिन कर्मचारियों की गिरफ्तारी की आशंका जतायी जा रही है उनकी गिरफ्तारी के पीछे बड़ी वजह डा. प्रेम सिंह की अवमानना याचिका पर एसएसपी व एसपी सीबीसीआईडी को नोटिस है। विधि विशेषज्ञों की मानें तो नोटिस के बाद अब पुलिस इन कर्मचारियों को किसी प्रकार की राहत नहीं देने जा रही है। अगली सुनवाई से पहले ही पुलिस कृत कार्रवाई के साथ कोर्ट में अपने पक्ष रखने की तैयारी में है।
निगम के पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रेम सिंह का कहना है कि वो अब अपनी बात हाईकोर्ट को बता चुके हैं। यह भी बता चुक हैं कि नगर निगम के अफसरों ने किस प्रकार से शासन व मंडलायुक्त सरीखे अफसरों की जांच के आदेशों का पालन नहीं किया। इसम मामले में असली जिम्मेदारी तो निगम अफसरों की बनती है। उन्होंने बताया कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। जिम्मेदार अफसरों पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।